03 अक्टूबर 24, मुरादाबाद। एंटी करप्शन बरेली की टीम ने खनन विभाग के लिपिक को बीस हजार रुपये की रिशवत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है। पीड़ित का कहना है कि लखनऊ से खनन का आदेश कराने के बावजूद खनन विभाग के अधिकारी ने स्वीकृति देने की एवज में तीन लाख रुपये की मांग की थी। एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई से कलेक्ट्रेट में हड़कंप मच गया है।
थम नहीं रही रिश्वतखोरी
किसान रफी ने खनन करने के लिए नियमीनुसार आवेदन किया था, जिसके बाद उसे सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एनओसी जारी कर दी गई थी। किसान का कहना है कि एनओसी लेकर वह खनन अधिकारी राहुल सिंह के पास पहुंचा और स्वीकृति जारी करने का अनुरोध किया। रफी का आरोप है विभाग द्वारा लगातार टालमटोल करते रहे। पिछले कई महीने से खनन विभाग के चक्कर लगा रहा था। खनन अधिकारी राहुल सिंह पर पीड़ित किसान रफी ने आरोप लगाया कि उन्होंने तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगी और कहा कि पैसे उनके कार्यालय के लिपिक शाहरुख को देने पर स्वीकृति लेटर जारी कर दिया जाएगा। किसान ने परेशान होकर एंटी करप्शन विभाग में शिकायत दर्ज कराई। एंटी करप्शन टीम ने प्लानिग तय की और किसान को अवगत करा दिया। इस बीच किसान ने बीस हजार रुपये देने की बात कर ली। खनन अधिकारी के मुताबिक उसने कार्यालय में तैनात शाहरुख को पांच सौ के चालीस नोट दे दिए। नोट पर एंटी करप्शन टीम ने केमिकल लगाकर दिया था। दोपहर करीब सवा बारह बजे किसान से नोट लेकर गिनने के दौरान एंटी करप्शन विभाग की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। टीम आरोपी शाहरुख को सिविल लाइंस थाने लेकर आयी औक जरूरी लिखा-पढ़ी करके बरेली ले गई है। हैरानी की बात यह है कि एंटी करप्शन विभाग की कार्रवाई बढ़ने के बाद भी सरकारी विभागों में घूसखोरी थमने का नाम नहीं ले रही है।