
27 मार्च 25, मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज आफ पैरामेडिकल साइंसेज के फॉरेंसिक विभाग की ओर से इन्नोवेशन इन साइबर सुरक्षा एंड रोल आफ आईटी एक्ट प्रोटेक्टिंग टुडे एंड टुमारो पर एक्सपर्ट टॉक कम वर्कशॉप का आयोजन कयिा गया। कार्यशाला में एक्सपर्ट्स ने दिए साइबर सुरक्षा के तरीके बताते हुए गंभीर स्थिति से निपटने के सुझाव भी दिए गए।
रोजाना 60 करोड़ रुपए की चपत
साइबर एक्सपर्ट्स मनोज परमार और प्रशान्त सिंह ने बताया कि दिनों-दिन साइबर क्राइम का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। साइबर हैल्प लाइन 1930 पर रोजाना 65 हजार से अधिक शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। यदि आपके या आपके किसी साथी के संग साइबर फ्रॉड होता है तो तुरंत साइबर हैल्प लाइन 1930, एनसीआरपी पोर्टल, साइबरक्राइम डॉट जीओवी डॉट इन, पुलिस स्टेशन, संचार साथी एप पर शिकायत दर्ज कराइएगा। साइबर अपराधी बेहद चालाक होते हैं, यह रोजाना चार हजार से अधिक म्यूल खाते आपरेट कर रहे हैं। ऐसे खातों के जरिए साइबर अपराधी लोगों को करीब 60 करोड़ रुपए की चपत रोज जनता को लगा रहे हैं। साइबर फ्रॉड से बचने के लिए किसी भी अज्ञान कॉल को रिसीव न करें। अननॉन लिंक को ओपन न करें। साथ ही सोशल मीडिया पर दिखाए गए शॉपिंग विज्ञापनों से भी बचें। डिजिटल अरेस्ट साइबर क्राइम का खौफनाक चेहरा है। डिजिटल अरेस्ट होने पर घबराएं नहीं, बल्कि पुलिस को जल्द से जल्द सूचित करें। मोबाइल में फोन लॉ, आधार कार्ड लॉक के संग-संग सिम लॉक की समझ भी होनी चाहिए। सभी उपयोगी एप्स पर टू फैक्टर आथेंटिकेशन को आॅन रखना चाहिए। अनजान एपीके एप को इंस्टाल नहीं करना चाहिए। समय-समय पर अपने सभी पासवर्ड को अपटेड करते रहना चाहिए।
छात्रों ने किए सवाल
इससे पूर्व साइबर एक्सपर्ट्स मनोज परमार और प्रशान्त सिंह, लॉ कॉलेज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित बतौर मुख्य अतिथि, पैरामेडिकल के प्रिंसिपल प्रो. नवनीत कुमार, एचओडीज- डॉ. रूचि कांत, रवि कुमार, राकेश यादव, अमित बिष्ट आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके आॅडी में एक्सपर्ट टॉक कम वर्कशॉप का शुभारम्भ किया। स्मृति चिन्ह और सर्टिफिकेट्स देकर सम्मानित किया गया। वर्कशॉप के दौरान स्टुडेंट्स ने एक्सपर्ट्स से अपने मोबाइल से आॅपरेट हो रहे खातों को जानने, फोन में मालवेयर अटैक को पहचाने, फ्रॉड एप्लीकेशन्स और वेबसाइट की पहचान करने के बारे में जाना। लॉ एंड लीगल स्टडीज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित बतौर मुख्य अतिथि बोले क साइबर क्राइम आज ज्वलंत मुद्दा है। साइबर धोखाधड़ी और अपराधों से निपटने में आईटी एक्ट की भूमिका पर विस्तार से चर्चा करते हुए इसके प्रभावी नियंत्रित के लिए सख्त साइबर कानूनों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा जैसे-जैसे हम साइबर स्पेस जैसी तकनीक पर काम करेंगे वैसे ही साइबर क्राइम का दायरा और तरीका भी एडवांस होता रहेगा। आईटी एक्ट साइबर अपराधियों के खिलाफ अदालतों में प्रबल परोकारी करता है। उन्होंने सुझाव दिया, प्रेवेंशन इन बैटर दैन क्योर यानी बचाव ही सबसे बेहतर तरीका है। हमें तकनीक से सुसज्जित और मजबूत बनना है।एक्सपर्ट टॉक कम वर्कशॉप में फैकल्टीज योगेश कुमार, सौरभ बटार, योगेश गुप्ता, आकाश चौहान, अपूर्वा सिंह, अंशिका सिंह, साक्षी बिष्ट, प्रियंका सिंह के संग-संग पैरामेडिकल और लॉ के पांच सौ से अधिक छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। संचालन फैकल्टी सौम्या त्रिपाठी ने किया।