28 जुलाई 24, जोधपुर। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर का दौरा किया और निर्यातकों से रूबरू भी हुए। उन्होंने ईपीसीएच के हस्तशिल्प निर्यात को तीस तक तीन गुना करने के लक्ष्य और प्रयासों की सराहना करते हुए वादा किया कि वह सरकार की तरफ से हरसंभव सहयोग कराएंगे। निर्यात बढ़ाने के लिए संबंधिक विभागों में समन्वय भी स्थापित किया जाएगा।
एक लाख करोड़ करेंगे निर्यात
ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर (टीएफसी) में मंत्री गिरीराज सिंह का स्वागत ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने किया। इस अवसर पर ईपीसीएच सदस्य हंसराज बहेती, निर्मल भंडारी, कपड़ा मंत्रालय की संयुक्त सचिव प्राजक्ता वर्मा, निर्यातक राधे श्याम रंगा, कार्यकारी निदेशक आरके वर्मा आदि मौजूद रहे। वस्त्र मंत्री ने निर्यातकों से मिले और समस्याओं और समाधान पर चर्चा की। इस मौके पर एमएसएमई प्रावधान के तहत निर्यातकों के लिए समय पर भुगतान की प्राप्ति से संबंधित छूट, शिपिंग लाइनों के जरिए लगाए गए उच्च कंटेनर शुल्क, मौसमी कार्यभार के अनुरूप हस्तशिल्प के लिए श्रम कानूनों का अनुरोध, लकड़ी से संबंधित प्रमाणन को लेकर आवश्यक अनुपालन के लिए वित्तीय सहायता, वन कटाई मुक्त उत्पादों पर यूरोपीय संघ विनियमन (ईयूडीआर), लकड़ी के लिए टेस्टिंग लैब की स्थापना, जीआई यानी भौगोलिक संकेतक उत्पादों को प्रोत्साहन राशि, जोधपुर से मुंद्रा बंदरगाह तक डबल-स्टैक कंटेनर ट्रेन आादि की मांग रखी है। कपड़ा मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा कि ईपीसीएच के वर्ष 2030 तक तीन गुना निर्यात बढ़ाने के लक्ष्य से वह प्रभावित हैं और निर्यात को एक लाख करोड़ रुपये करने के लिए वह हस्तशिल्प निर्यातकों द्वारा किए गए अनुरोध पर विचार करेंगे और समाधान खोजने के लिए अन्य मंत्रालयों के साथ समन्वय करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने सभी सदस्य निर्यातकों से इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समन्वय करने और काम करने का आग्रह किया।
दस्तकारी देख मुग्ध हुए कपड़ा मंत्री
ईपीसीएच के चेयरमैन श्री दिलीप बैद ने कहा कि हम महसूस करते हैं कि वैश्विक कंपनियों द्वारा चीन-प्लस-वन नीति अपनाने के बाद से नए अवसर सामने आए हैं। कार्यकारी निदेशक आरके वर्मा ने कहा कि मंत्री गिरिराज सिंह का स्वागत करना हमारे लिए सम्मान की बात है। वस्त्र मंत्रालय के मार्गदर्शन में ईपीसीएच ने हमेशा हस्तशिल्प क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। हमें विश्वास है कि माननीय मंत्री के विजन के तहत हम आने वाले भविष्य में जबरदस्त सफलता हासिल करेंगे। उन्होंने निर्यात बढ़ाने और देश के हस्तशिल्प उद्योग के विकास में सहयोग देने के लिए ईपीसीएच के समर्पण पर जोर दिया। यात्रा के दौरान मंत्री ने राजस्थान के हस्तशिल्प की प्रदर्शनी भी देखी, जिसमें कारीगरों ने लाइव प्रदर्शन किया। उन्होंने कारीगरों से बातचीत की और उनके शिल्प की सराहना करते हुए कहा कि हस्तशिल्प कारीगर वास्तव में इस क्षेत्र की रीढ़ हैं और यदि इस क्षेत्र को आगे बढ़ाना है तो यह महत्वपूर्ण है कि कारीगरों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहित और बढ़ावा दिया जाए।