
02 जून 25, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश। हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) अब हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा पेंटिंग समेत दीगर हस्तशल्पि के विकास के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगी। इसके लिए सोमवार को हस्तशिल्प निर्यातक, उद्यमियों और कारीगरों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर कांगड़ा पेंटिंग फ्यूजन विद वुड क्राफ्ट पर डिजाइन एवं प्रौद्योगिकी विकास कार्यशाला का भी उद्घाटन किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर के उत्पाद करेंगे तैयार
ईपीसीएच महानिदेशक, मुख्य संरक्षक और आईईएमएल अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि हस्तशिल्प क्षेत्र की सफलता सहयोग, नवाचार और ज्ञान-साझाकरण में निहित है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मकसद डिजाइन नवाचार और कौशल विकास के साथ कारीगरों को सशक्त बनाना है। ईपीसीएच भविष्य में क्षेत्र के हस्तशिल्प क्षेत्र को और मजबूत और विविधतापूर्ण बनाने के लिए विभिन्न शिल्पों पर ऐसे और कार्यक्रम आयोजित करेगा। उन्होंने डिजाइनरों और प्रतिभागियों से नए उत्पाद विकसित करने का आग्रह किया, जिन्हें अगले दिल्ली मेले में प्रदर्शित किया जा सके। मेला 13 से 17 अक्टूबर को इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित किया जाएगा। ईपीसीएच कार्यकारी निदेशक आरके वर्मा ने कहा कि हमारा मिशन निर्यात संवर्धन से कहीं आगे जाता है। हम हस्तशिल्प उद्योग तथा एमएसएमई की दीर्घकालिक सफलता को सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कार्यशाला में उपाध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना, सागर मेहता, रवि के पासी, राज कुमार मल्होत्रा, गिरीश अग्रवाल, अवधेश अग्रवाल, शरद कुमार बंसल, सलमान आजम, राजेश जैन, प्रिंस मलिक, जीशान अली, ओ.पी. प्रहलादका, प्रदीप मुछाला, जेसमीना जेलियांग, मोहम्मद औसाफ, सिमरनदीप सिंह कोहली, सहायक निदेशक, डीसी (हस्तशिल्प) संतोष आनंद, डॉ. स्वाति शर्मा, अलका रावत आदि शामिल रहे।