17 जनवरी 25, मुरादाबाद। वर्षों से मंदी का शिकार पीतल नगरी के कारोबारी और दस्तकारों के लिए महाकुंभ मेला अच्छे दिन लेकर आया है। मेले में विभिन्न सजावटी सामान के साथ धार्मिक मूर्तियां बेच रहे व्यापारी लगातार बढ़ती मांग से खिल रहे हैं। मेले में बिकने वाली विभिन्न मूर्तियों में मां गंगा की मगरमच्छ पर सवरी की मूर्ति को सर्वाधिक पसंद किया जा रहा है। इन मूिर्तयों के लगातार आर्डर अ रहे हैं।
कुंभ कलश की मांग भी
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ से पीतल की मां गंगा की मूर्तियों की बहुत अच्छी डिमांड आ रही हैं। जिसके चलते मुरादाबाद के पीतल करोबारी अतिरिक्त कारीगरों को लगाकर माता गंगा की मूर्तियां तैयार कर कर डिमांड को पूरा करा रहे है। पीतल कारोबारी अभिनंनदन जैन कहते है कि अक्सर सर्दियों के दिनों में ब्रास का काम बहुत मंदा रहता है। लेकिन इस बार महाकुंभ के कारण सर्दियों की मंदी दूर हो गई है। कुंभ के कारण हमारे पीतल मजूदरों कारीगरों को भरपूर काम मिल रहा है। हमारे कारीगर गंगा मैया की बेहद खूबसूरत और आकर्षित मूर्तियों को तैयार कर रहे है। जो प्रयागराज में श्रद्धालुओं को काफी आकर्षित कर रही है श्रद्धालु इन मूर्तियों को अपने घरों में रखने के लिए जमकर खरीदारी कर रहे हैं। कारोबारी सचदेवा कहते हैं कि इन मूर्तियों की खास बात यह है कि इन मूर्तियों में मां गंगा अपनी सवारी मगरमच्छ पर बैठी बनाई गई है। इन मूर्तियों की कीमत साइज के मुताबिक है। इनकी ऊंचाई दो इंच से लेकर छह फिट तक हैं। दीगर कारोबारी कहते हंै कि माता गंगा कि मूर्तियां के साथ कुंभ कलश, गंगाजल सहित अन्य पूजा का सामान की भी भारी डिमांड है।
मकर का धार्मिक महत्व
दरअसल, हिन्दू धर्मग्रंथों में देवी गंगा का वाहन मकर यानी मगरमच्छ का उल्लेख मिलता है। मगरमच्छ को जलीय प्राणियों में सर्वाधिक शक्तिशाली और परम वेगवान माना गया है। मकर या मगरमच्छ एक प्रतीक है, जो बताता है हमें जल में रहने वाले हर प्राणी की रक्षा करनी चाहिए, क्योंकि जल में रहने वाला हर प्राणी पारिस्थितिक तंत्र के लिए महत्वपूर्ण है और उसकी अनुपस्थिति में पारिस्थितिक तंत्र बिगड़ जाएगा। संस्कृत शब्द मकर एक मगरमच्छ का शाब्दिक अर्थ है मापने का हाथ और प्रतीकात्मकता में भौतिक दुनिया की सीमाओं को इंगित करता है। हिंदू ज्योतिष में मकर मकर राशि का ज्योतिषीय चिन्ह भी है जो शनि द्वारा शासित है। कठोर ग्रह जो जिम्मेदारियों, कठिन कर्तव्यों, दायित्वों, असफलताओं, बीमारी और कठिनाई का संकेत है।