
23 जुलाई 24, मुरादाबाद। केंद्रीय बजट श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में पेश किए गए अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा कि बजट में हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए कोई विशेष लाभ नहीं है, बल्कि इसमें सामान्य रूप से निर्यात को बढ़ावा देने के उपाय शामिल हैं। कुछ उपायों से हस्तशिल्प क्षेत्र को लाभ हो सकता है।
विकसित भारत बनाएगा बजट
बताया गया कि रोजगार प्रोत्साहन योजना विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहित करेगी। नियोक्ताओं को सहायता योजना सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को कवर करेगी। साथ ही प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए ईपीएफओ अंशदान के लिए नियोक्ताओं को दो साल के लिए तीन रुपये प्रति माह तक की प्रतिपूर्ति का लाभ मिलेगा। विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना ऐसे एमएसएमई के ऋण जोखिमों की पूलिंग के आधार पर संचालित होगी। प्रत्येक आवेदक को सौ करोड़ तक का गारंटी कवर देने के लिए एक पृथक स्व-वित्त गारंटी निधि बनाई जाएगी।ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र योजना एमएसएमई तथा पारंपरिक कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित करने का लाभ मिलेगा। मुद्रा ऋण की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने से उद्योगों का नई तकनीक मिलेगी। ई-कॉमर्स के लिए टीडीएस दर में कमी से नकदी प्रवाह में सुधार होगा और डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास को समर्थन मिलेगा। इसके साथ सरकार 100 शहरों में पूर्ण अवसंरचना के साथ निवेश के लिए तैयार प्लग एंड प्ले औद्योगिक पार्कों के विकास को सुगम बनाएगी।
होगा बुनियादी ढांचे का विकास
बताया गया कि निर्यात किए गए माल के पुन: आयात की अवधि में वृद्धि 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने, पीतल और सिरेमिक सहित 60 क्लस्टरों में पारंपरिक सूक्ष्म और लघु उद्योगों का निवेश-ग्रेड ऊर्जा आडिट सुगम बनाने, व्यापार करने में आसानी बढ़ाने, उत्पादन लागत को कम करने के लिए, फेरो निकेल और ब्लिस्टर कॉपर पर बीसीडी को हटाने, फेरस स्क्रैप और निकेल कैथोड पर शून्य बीसीडी और कॉपर स्क्रैप पर 2.5 प्रतिशत की रियायती बीसीडी रखने, वाणिज्यिक नमूनों के शुल्क मुक्त आयात की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने से लाभ होगा। ईपीसीएच के अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा कि बजट में एमएसएमई और विनिर्माण, विशेष रूप से श्रम गहन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है और इसमें रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहन, एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना, क्लस्टरों में पारंपरिक सूक्ष्म और लघु उद्योगों का ऊर्जा आडिट, पीपीपी मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्रों की स्थापना, निवेश के लिए तैयार प्लग एंड प्ले औद्योगिक पार्कों का विकास, कच्चे माल पर बीसीडी में कमी और अन्य जैसे कुछ प्रावधान और घोषणाएं हैं, जो विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में एक लंबा रास्ता तय करेंगी। ईपीसीएच उपाध्यक्ष नीरज खन्ना ने कहा कि बजट उत्पादकता, रोजगार सृजन, कौशल, मानव संसाधन विकास, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचे के विकास और अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी को प्राथमिकता देकर विकास की क्षमता का दोहन करने पर केंद्रित है।