
फहीम सिद्दीकी की रिपोर्ट
23 जुलाई 24, मुरादाबाद। वैश्विक कारणों से गिरते हस्तशिल्प निर्यात ने निर्यातकों की चिंता बढ़ा दी है। निर्यात बढ़ाने को लेकर ईपीसीएच गंभीर हुई है और कारोबार को बढ़ाने के लिए मंथन किया जा रहा है। ईपीसीएच के उपाध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने इंडिया एक्सपो मार्ट एंड सेंटर के प्रबंध निदेशक डा. राकेश कुमार से व्यापार बढ़ाने को लेकर विचार-विमर्श किया है। इस बैठक में निर्यात बढ़ाने के लिए नई रणनीति बनाने पर चर्चा की गई है।
नई सिरे से बनाएंगे रणनीति
ग्रेटर नोएडा में आईईएमएल कार्यालय में डॉ. नीरज विनोद खन्ना और डॉ. राकेश कुमार में निर्यात क्षेत्र में आ रही समस्याओं पर विचार किया गया। मुरादाबादी धातु हस्तशिल्प के आर्डर मिलने में लगातार कमी को लेकर चिंता जताई गई। मंदी से जूझते निर्यातकों को सरकारी योजनाओं से राहत देने के साथ निर्यात बढ़ाने पर चर्चा हुई। डॉ. नीरज ने बताया कि जिन देशों में निर्यात कम हो रहा है, उसके कारण जाने जाएंगे, ताकि सुधर करके निर्यात को बढ़ाया जा सके। इसके साथ ही भारतीय हस्तशिल्प का ऐसे देशों में प्रचार-प्रसार करने पर सहमति बनी जहां निर्यात बहुत कम होता अथवा नहीं होता है।बीते वित्तीय वर्ष की बात करें तो आर्ट मेटल वेयर के निर्यात में इटली. जापान, स्वीटजरलैंड, कनाडा, लेटिन अमेरिकी देशों में निर्यात घटा है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से जरूरी सहयोग लेने के लिए शीघ्र एक प्रतिनिधिमंडल विभिन्न मंत्रियों से मुलाकात करेगा। उन्होंने बताया कि ईपीसीएच और आईईएमएल मिलकर निर्यात बढ़ाने के लिए कार्य करेंगे। डा. राकेश कुमार ने भरोसा जताया है कि शीघ्र ही निर्यात बढ़ाने के प्रयास शुरू किए जाएग्ंगे। इसके लिए विस्तृत योजना भी तैयार कराएंगे जिससे हस्तशिल्प निर्यात को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सके। इस दौरान ईपीसीएच सदस्य अवधेश अग्रवाल भी शामिल रहे।