27 मार्च 24, मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के टिकट को लेकर बीते दिन से शुरू हुई सियासी जंग आखिरकार थम गई। नामांकन के आखिरी दिन रुचिवीरा ने पर्चा दाखिल करने के बाद तमाम अफवाह, चर्चाओं और अनुमानों पर लगाम लग गया। इसी के साथ तय हो गया कि लोकसभा क्षेत्र की नब्ज अब डा. एसटी हसन के हाथ में नहीं रहेगी, बल्कि रुचिवीरा क्षेत्र की अवाम का दिल जीतने के लिए उतरेंगी।
मेरी शख्सियत टिकट से कम नहीं होगी
बुधवार दोपहर नामांकन प्रक्रिया पूरी होने पर मीडिया ने डा. एसटी हसन ने गुफ्तगू की। करीब 3.20 बजे हुए बातचीत में डा. हसन ने कहा कि पार्टी का फैसला उन्हें मंजूर है और पार्टी के आदेश को तसलीम करते हैं। पार्टी ने उनपर विश्वास जताया था और सिंबल भी दिया था इसलिए ही उन्होंने नामांकन कराया था। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान ने जो फैसला लिया है वह बेहतर होगा और कुछ परिस्थितियां रही होंगी जिसके कारण टिकट का फैसला बदलना पड़ा है। उन्होंने अखिलेश यादव और आजम खां को अपना नेता बताते हुए कहा कि पार्टी की आर्डियोलजी ही उनकी रणनीति है और चुनाव में पार्टी के निर्देशों का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव पार्टी के मालिक हैं और जिसे चाहें टिकट दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में मुसलमान सबसे अधिक दुखी है और उन्होंने हमेशा नफरतों को खत्म करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि कोई टिकट मेरी शख्सियत को खत्म नहीं कर सकता है। उन्होंने पत्रकारों के बताया कि टिकट बदलने की चर्चा के बाद से अभी तक पार्टी के बड़े नेताओं से उनकी बातचीत नहीं हो सकी है। दूसरी तरफ जिला निर्वाचन अधिकारी डीएम मानवेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि प्रपत्रों के आधार पर रुचिवीरा को सपा का अधिकृत प्रत्याशी माना है। गौरतलब है कि बीते दिन टिकट कटने की खबरें आने पर उनके समर्थकों ने रुचिवीरा का पुतला दहन किया था और आजम खां व अखिलेश यादव का विरोध करते हुए उनपर तीखी टिप्पणियां भी की थी।