सियासी तीजा : डा. बर्क के पोत्र जिया को लोस चुनाव लड़ाने का ऐलान, तुर्कों की राजनीति गरमाई
Political Teeja: Dr. Burke's grandson Zia announced to contest Lok Sabha elections, politics of Turks heated up
02 मार्च, मुरादाबाद, सम्भल। मरहूम सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क के तीजे की फातिहा में सियासत भी हावी रही। डॉ. बर्क के इंतकाल के बाद क्षेत्र में तुर्कों का नेता बनने की होड़ देखी जा रही है। इसलिए तीजे के मौके पर ही डॉ. बर्क के समर्थकों ने कुंदरकी विधायक जियाउर्रहमान बर्क को लोकसभा चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया। इस मौके पर जियाउर्रहमान ने भी दादा की ख्वाहिश बताकर चुनाव लड़ने का इरादा जता दिया है। देखना है कि समाजवादी पार्टी अब किसे प्रत्याशी घोषित करती है।
विरोधियों की निगाहें भी टिकट पर
नगर के हुसैनी रोड पर बैंक्वेट हाल में कुरआन ख्वानी के बाद चनों पर कलमा पढ़ा गया। नातख़्वा ने बारगाहे रसूल मे नाते पाक के नजराने पेश किये। उलेमा ने सांसद डा. बर्क को बेमिसाल शख्सियत बताते हुए कहा कि उन्होंने अवाम की खिदमत में पूरी जिन्दगी वक्फ कर दी और दीन इस्लाम से मोहब्बत करते हुए नमाज पाबंदी के साथ अदा की। मुफ़्ती अय्यूब नईमी ने दुआ कराई। तीजे की फातिहा के बाद समर्थकों ने जियाउरर्हमान बर्क को दादा की विरासत संभालने के लिए लोकसभा चुनाव लड़ाने का एलान किया।जिया उरर्हमान बर्क ने चुनाव लड़ने के पूछे गए सवाल पर कहा कि वह टिकट के लिए अखिलेश यादव से मिलेंगे। जनता की इच्छा को वह मायूस नहीं होने देंगे। राज्यसभा चुनाव में दादा कीमौत के बाद भी जमे रहने पर उन्होंने कहा कि यह भी जिम्मेदारी थी। जियाउर्रहमान ने क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों पर हमलापर होते हुए कहा कि वह गद्दार नहीं है कोई एक करोड़ भी देकर त्उनको खरीद नहीं सकता है। दरअसल, डा. बर्क सम्भल लोकसभा सीट से तुर्क बिरादरी के सबसे बड़े नेता माने जाते थे। अब तुर्कों में बिरादरी का नेता बनने की होड़ लगी है। जाहिर है जो सांसद बन जाएगा वही तुर्कों का बड़ा नेता बन जाएगा। इस बीच डा. बर्क का विरोधी गुट भी टिकट लेने के लिए सक्रिय हो गया है।