27 फरवरी 24, मुरादाबाद। सियासत के मंजे हुए खिलाड़ी व लोकसभा में सबसे बुजुर्ग सांसद रहे डा. शफीकुर्रहमान बर्क ने दुनिया को अलविदा कह दिया। अवाम पर अपनी मजबूत पकड़ रखने के साथ गंभीर मुद्दों पर बेबाक राय रखने वाले डा. बर्क ने निजी अस्पताल में मंगलवार सुबह आखिरी सांस ली। वह कई दिन से उपचाराधीन थे और गंभीर हालत ते चलते पिछले दिनों अखिलेश यादव भी मुलाकात करने आए थे। डा. बर्क पांचवी मर्तबा सांसद बने थे तथा चार मर्तबा विधायक और राज्य सरकार में मंत्री भी रहे थे।
सियासत की नब्ज पर पकड़
सम्भल संसदीय सीट पर डा. शफीकुर्रहमान बर्क का किला भेदने में आज तक कोई कामयाब नहीं हो पाया था। समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उन्हें फिर प्रत्याशी घोषित किया था। डॉ. बर्क लोकसभा में सबसे बुजुर्ग सांसद थे। डा. शफीकुर रहमान बर्क का जन्म 11 जुलाई 1930 को हुआ था। वह देश के बड़े सियासी थे और मुस्लिम मुद्दों को जोरशोर से उठाते थे। डा. बर्क का सियासी सफर बीकेडी से शुरू किया और सम्भल से 1974 में विधायक का चुनाव जीता। 1977 में वह जनता पाटी से और 1985 में लोकदल से विधायक चुने गए। इसके बाद डा. बर्क सपा में शामिल हुए और 1996 में मुरादाबाद से सांसद का चुनाव जीता। इसके बाद 1998 और 2004 में मुरादाबाद से फिर सांसद चुने गए। 2009 में वह सम्भल से बसपा के टिकट पर चुनाव जीते और 2019 में सपा से सम्भल की सीट पर चुनाव जीते थे।