पत्थरदिल समाज का डर : नवजात को मरने के लिए नाले के पाइप में डाला, मीनाक्षी बनी फरिश्ता
Fear of the stone-hearted society: Newborn was thrown into the drain pipe to die, Meenakshi became an angel.
25 फरवरी 24, मुरादाबाद। विश्व गुरु की बनने की राह पर चल रहे देश के लोग अभी भी झूठी इज्जत और शान के लिए किसी की जान लेने से नहीं चूकते हैं। बेटी के भविष्य के लिए उसकी बेटी की जान जोखिम में डालने का सिलसिला भी थम नहीं रहा है। देश में नवरात्र पर पूजी जाने वाली और घर की लक्ष्मी बताई जाने वाली नवजात बालिका दिल्ली रोड पर पाइप लाइन में फंसी हुई मिली है। जाहिर है फेंकने वाले ने उसने मारने के लिए ही डाला होगा, लेकिन ऊपर वाले ने उसकी जिंदगी लिखी है और किसी घर की लक्ष्मी बनने का सौभाग्य भी।
बाल कल्याण करेगा देखरेख
शुक्रवार की शाम थाना मझोला इलाके के रिलायंस पेट्रोल पंप के पास दो दिन की बच्ची के रोने की आवाज सुनकर वहां से गुजर रही मीनाक्षी ने देखा की रिलायंस पेट्रोल पंप के पास बच्ची एक पाइप में फंसी हुई है। मिनाक्षी ने पाइप से बच्ची को निकाला और इसकी सूचना पुलिस को दी। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर वहां लोगों का जमावड़ा लग गया। सूचना मिलते ही मझोला पुलिस मौके पर पहुंच गई और बच्चे को थाने ले आई। जिसके बाद पुलिस ने बाल कल्याण की सुपुर्दगी में बच्ची को दे दिया। बाल कल्याण विभाग की टीम ने उस मासूम को जिला महिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। रविवार दोपहर बाल कल्याण सदस्य हरिमोहन गुप्ता और बबिता विश्नोई महिला चिकित्सालय पहुंची और बच्ची का हालचाल जाना।
हरिमोहन गुप्ता ने बताया की शुक्रवार रात मझोला इलाके के रिलायंस पेट्रोल पंप के पास पाइप के अंदर से बच्ची के रोने की आवाज आ रही थी, तभी वहां से जॉब से फ्री होकर अपने घर जा रही मीनाक्षी ने उसके रोने की आवाज सुनी और बच्ची को पाइप से निकाला। बाल कल्याण ने बच्ची को महिला जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया था। उन्होंने बताया कि बच्ची बिल्कुल ठीक है और अभी तक इसके माता-पिता का कुछ पता नहीं चला है। उन्होंने कहा कि अगर दो माह तक इसके माता-पिता का पता चल जाता है तो कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्ची को उनकी सुपुर्दगी में दे दिया जाएगा। बच्ची को बाल कल्याण विभाग के शिशु गृह में देखरेख की जाएगी। दो माह तक लीगल फ्री करने के बाद बच्ची को एडॉप्शन के लिए दे दिया जाएगा।