निर्यातकों में टकराव : निर्यात संगठनों में ईपीसीएच सीईओ चुनाव को लेकर जुबानी जंग शुरू
Conflict among exporters: War of words begins among export organizations regarding CEO election of EPCH
24 फरवरी 24, मुरादाबाद। हस्तशिल्प निर्यात संवर्द्धन परिषद की प्रशासनिक कमेटी सदस्य के चुनाव को लेकर राजनीति तेज हो गई है। चुनाव मैदान में प्रत्याश्ी उतारने वाली संस्थाओं में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है और मुद्दा बनी है एमएसएमई की भुगतान सीमा। मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टस एसोसिएशन के महासचिव व प्रत्याशी अवधेश अग्रवाल व यस के नीरज खन्ना ने लघु उद्योग भारती पर सवाल उठाया तो लघु उद्योग भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय गुप्ता जिम्मी ने करारा जवाब दिया है। निर्यातकों के वोट हासिल करने की इस जुगत में कौन भारी पड़ेगा यह तो भविष्य तय करेगा।
एमएसएमई को बनाया मुद्दा
शनिवार को अवधेश अग्रवाल ने पत्रकारों को जारी बयान में कहा है कि भुगतान की समय सीमा बढ़ाने के लिए वह केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिले थे और उम्मीद है कि 31 मार्च से पहले राहत मिल जाएगा। उन्होंने सवाल उठाया कि लघु उद्योग भारती की मुरादाबाद व राष्ट्रीय ईकाई ने एमएसएमई की भुगतान सीमा को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। उन्होंने कहा कि लघु उद्योग भारती को रुख स्पष्ट करना चाहिए। जानकार मानते हैं कि यह सब ईपीसीएच चुनाव में निर्यातकों का समर्थन हासिल करने की राजनीति से अधिक कुछ नहीं है। दूसरी तरफ लघु उद्योग भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय गुप्ता जिम्मी ने जवाब देते हुए कहा है कि संस्था की राष्ट्रीय कमेटी पहले ही इस मुद्दे को केंद्रीय वित्त मंत्री के सामने रख चुकी है और समय सीमा को समाप्त करने की मांग भी की है। उन्होंने कहा है कि निर्यातकों की समस्याओं के लिए संस्था लगातार प्रयासरत है और जब भी जरूरत पड़ी है संस्था ने हरसंभव साथ दिया है और देती रहेगी। उन्होंने कहा है कि शासनिक, प्रशासनिक, औद्योगिक व सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने एमएसएमई भुगतान सीमा के मुद्दे पर समाचार पत्रों में छपी खबरों की कटिंग भी जारी की हैं। उन्होंने कहा है कि हमारी कार्यशैली से वोटों की राजनीति करने वालों पर सवालिया निशाान लग रहे हैं इसलिए वह अनर्गल बातें कर रहे हैं।