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उम्मीदों का मेला कल से : दिल्ली फेयर में बायर्स का रुख तय करेगा वर्ष 2024 में मंदी रहेगी या तेजी

Fair of expectations from tomorrow: The stance of buyers in Delhi Fair will decide whether there will be recession or boom in the year 2024

05 फरवरी 24, नई दिल्ली। दो वर्षों से मंदी में घिरी दुनिया और घटते भारतीय हस्तशिल्प के निर्यात से उबरने के लिए निर्यातक लगातार प्रयास कर रहे हैं। मंगलवार छह फरवरी से ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपोजीशन मार्ट में हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) द्वारा आयोजित दिल्ली मेले में विदेशी ग्राहकों की आमद और कारोबारी रुख से तय होगा कि वर्ष 2024 में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात की दिशा और दशा क्या रहेगी। हालांकि, ईपीसीएच ने विदेशी ग्राहकों को मेले में लाने के लिए तमाम कोशिशें की हैं और निर्यातक और ईपीसीएच वर्ष 2030 तक निर्यात को तीन गुना बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

तीन हजार से अधिक निर्यातक शामिल

भारतीय हस्तशिल्प उपहार मेले के 57वें संस्करण में करीब तीन हजार से अधिक निर्यातक प्रतिभाग कर रहे हैं और आशा है कि सौ से अधिक देशों के बायर्स मेले में कारोबार करने आ रहे हैं। मार्ट के 16 विशाल हॉल में होम, फैशन, लाइफस्टाइल, फर्निशिंग और फर्नीचर, घरेलू सामान, घरेलू साज-सज्जा, उपहार, लैंप और प्रकाश व्यवस्था, क्रिसमस और उत्सव उत्पाद, फैशनेबल आभूषण, स्पा और बेलबीइंग उत्पाद, कालीन और गलीचे, बाथरूम सहायक उपकरण, उद्यान सहायक उपकरण, शैक्षिक खेल खिलौने, हस्तनिर्मित कागज उत्पाद और स्टेशनरी, साथ ही चमड़े के बैग आादि शामिल हैं। सोमवार को पत्रकार वार्ता में ईपीसीएच अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा कि दुनिया भर से खरीदारों की एक महत्वपूर्ण आमद के साथ इस मेले में हमारे प्रदर्शक भारतीय हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह हमारे लक्ष्य-तीन गुना तीस तक स्लोगन के अनुरूप है। मेले का उद्घाटन श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश केंद्रीय कपड़ा और रेलवे राज्य द्वारा किया जाएगा। आईईएमएल अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि दुनिया भर के खरीददारों को एक ही छत के नीचे भारतीय हस्तशिल्प की पूरी रेंज मिलती है और यही इस मेले की खासियत है। मेला हमारे जीवंत हस्तशिल्प क्षेत्र की क्षमता, ताकत, पैमाने और क्षमता को प्रदर्शित करता है। हमारा मिशन विनिर्माण और निर्यात के विभिन्न पहलुओं को शामिल करना है, जिसमें उत्पादन क्षमता को बढ़ाना, गुणवत्ता बढ़ाना, डिजाइनों में नवीनता लाना, नए उत्पाद विविधताएं पेश करना और खरीदारों की बढ़ती संख्या से जुड़ने के लिए आउटरीच का विस्तार करना और उनकी विविध आवश्यकताओं को पूरा करना शामिल है। हमारे देश के भीतर बेजोड़ विविधता और विकल्पों का लाभ उठाते हुए, हम बड़े थोक विक्रेताओं और आयातकों की जरूरतों को पूरा करते हुए मेले में प्रतिभाग करने वाले लोगों के लिए प्राथमिक आपूर्तिकर्ता बनने की कोशिश कर रहे हैं।

सौ देशों से आ रहे हैं खरीददार

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आरके वर्मा ने बताया कि मेले को विस्तृत प्रचार प्रसार देने के लिए व्यापक प्रचार अभियान चलाया है। मेले को अंतरराष्ट्रीय मैगजीन, उनके डिजिटल प्रकाशनों, आॅनलाइन पोर्टल्स, बेब बैनर और सोशल मीडिया में व्यापक रूप से कवर किया गया है। इसके अलावा भारतीय दूतावासों ने अपने देशों में खरीदारों और आयातकों को निमंत्रण दिया। मेले को डिजिटल प्रकाशनों और सोशल मीडिया में व्यापक रूप से कवर किया गया है। शो में आने वाले आगंतुकों की प्रोफाइल में दुनिया भर से विदेशी खरीदार शामिल हैं जिसमें थोक विक्रेता, वितरक, चेन स्टोर, डिपार्टमेंटल स्टोर, खुदरा विक्रेता, मेल-आर्डर कंपनियां, ब्रांड मालिक, खरीद घर और डिजाइनर और ट्रेंड फोरकास्टर्स के अलावा खरीद प्रतिनिधि और घरेलू वॉल्यूम खरीदार शामिल हैं। अभी तक सौ से अधिक देशों से विदेशी खरीदार ने आने के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिए हैं। इस मौके पर वाइस चेयरमैन नीरज खन्ना आदि शाामिल रहे। रिसेप्शन कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती प्रिया अग्रवाल ने बताया कि वर्षों से मेले ने अपनी अंतरराष्ट्रीय पहुंच के माध्यम से उद्यमियों, निमार्ताओं, निर्यातकों और कारीगरों के लिए कारोबारी संबंध मजबूत किए हैं। हम वैश्विक खरीदारों को एक ही छत के नीचे भारतीय प्रदर्शकों के सबसे बड़े समूह से मिलने और मजबूत, खुशनुमा और पारस्परिक रूप से लाभदायक संबंधों की शुरूआत करने के लिए एक अनुकूल व्यापार मंच प्रदान कर रहे हैं।

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