नगर निगम बोर्ड बैठक हंगामा : कर्मचारियों ने मेयर के निजी सचिव के पिस्टल संग प्रवेश पर उठाए सवाल, हड़ताल की धमकी
Uproar in the municipal board meeting: Employees raised questions on the entry of the mayor's private secretary with a pistol, threatening to strike
22 जून 23, मुरादाबाद। नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक में हंगामे के बाद कर्मचारी संगठन लामबंद हो गए हैं। उन्होंने महापौर और उनकी टीम पर पूरा दबाव बना दिया है जबकि मेयर विनो अग्रवाल इस मुद्दे पर अभी तक पत्रकारों के सामने अपना पक्ष नहीं रख सके हैं। कर्मचारी नेता ने मीडिया से कहा है कि उनके साथ मारपीट की गई है जिससे उनके उनके हाथ में नाखून लगने से खून भी निकल आया है। उन्होंने पिस्टल लेकर महापौर के निजी सचिव की तथा दो-तीन और संदिग्घ की सदन में मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए
एफआईआर कराने को कहा है। साथ ही शुक्रवार को बैठक करके सभी संगठनों द्वारा हड़ताल करने की चेतावनी भी दी है।
समझौते की कोशिशें तेज
गुरुवार दोपहर नगर निगम हाल में हो रही कार्यकारिणी की पहली बैठक में कर्मचारियों के ज्ञापन देने आने के दौरान हंगामा होने पर महापौर ने बैठक को स्थगित कर दिया था। इस मुद्दे पर कर्मचारी नेता मो. सुभान ने मीडिया को बताया कि महापौर ने निर्माण विभाग के 14 संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने बीते दिन बैठक करके बर्खास्त कर्मियों को बहाल करने तथा सफाई कर्मियों का मानदेय 15 हजार रुपये करने की मांग को लेकर ज्ञापन देने का फैसला लिया था।
उन्होंने कहा कि अपर नगर आयुक्त उनसे ज्ञापन लेने आए थे, लेकिन कर्मियों में गुस्सा था वह महापौर और नगर आयुक्त को ज्ञापन देना चाहते थे। कर्मचारी जब ज्ञापन देने गए तो पार्षद विश्नोई और मेयर के निजी सचिव शेखर ने उनके साथ अभद्रता की और मेयर के साथ आए दो-तीन संदिग्ध लोगों ने उनपर हमला किया जिससे उनके हाथ पर नाखून लगने से खून रिस गया। उन्होंने कहा कि निजी सचिव के पिस्टल भी लगा था। बाहरी लोगों का पिस्टल के साथ होना असंवैधानिक है। वह इसकी एफआईआर कराएंगे और गिरफ्तारी की मांग को लेकर शुक्रवार से हड़ताल पर जाएंगे।
उन्होंने कहा कि वह सदन की गरिमा को जानते हैं और सफाई कर्मियों को पंद्रह हजार रुपये मानदेय का फैसला होने तक सदन चलने नहीं देंगे। न्यूज रनवे ने महापौर से कई मर्तबा बात करने की कोशिश की है हालांकि उन्होंने किसी भी मीडिया कर्मी से अपना पक्ष साझा नहीं किया है। खबर मिली है कि कुछ अधिकारीगण इस मुददे पर कर्मचारी और महापौर के बीच समझौता कराने की कोशिश कर रहे हैं।