
22 जून 23, नई दिल्ली। देश भर में लगातार कई स्थानों पर सुंदरीकरण, लैंड जिहाद और अतिक्रमण का नाम देकर तोड़ी जा रही औलिया अल्लाह की मजारों का सूफियों के संगठन सूफी खानकाह एसोसिएशन ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कौमी एकता का प्रतीक और हिंदू मुस्लिम सद्भाव का पैगाम देने वाली दरगाहों को तोड़ने का विरोध करते हुए पुनर्निर्माण कराने की मांग उठाई है।
अमित शाह को संबोधित ज्ञापन दिया
राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी मोहम्मद कौसर हसन व राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पीर सूफी सैयद खालिद नकवी अल हुसैनी के निदेर्शानुसार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रईस अहमद अशरफी और सूफी शाह सैयद जियारत अली हक्कानी मलंग के नेतृत्व में दिल्ली प्रदेश के पदाधिकारियों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित ज्ञापन दिल्ली प्रदेश के उप राज्यपाल कार्यालय में दिया है। एसोसिएश्न ने दिल्ली की प्रमुख दरगाहों को तोड़े जाने का विरोध करते हुए उत्तराखंड, गुजरात सहित कई प्रदेशों में हुई घटनाओं का विरोध किया है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूफी रईस अहमद अशरफी ने कहा कि यह एक सोची समझी सियासत के तहत सुंदरीकरण और जी 20 सम्मेलन के नाम पर दिल्ली की मजारों को तोड़ा गया है जबकि पूर्व में कामन वेल्थ गेम्स सहित कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजन दिल्ली में किए गए थे तब इन मजारों को नहीं तोड़ा गया। उन्होंने कहा हम सूफीवादी लोग गंगा जमुनी तहजीब में विश्वास रखते हैं। हमारी आस्था के केंद्रों पर हमले स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
कौमी एकता का पैगाम देती हैं दरगाहें
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूफी शाह सैयद जियारत अली हक्कानी मलंग ने कहा कि एसोसिएशन के नेतृत्व में सूफियों ने हमेशा देश की एकता और अखंडता को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया है और पीएफआई जैसी चरमपंथी संगठन को प्रतिबंधित कराने के लिए सड़कों पर संघर्ष किया है। दरगाहों व खानकाहों से हमें वतन की मोहब्बत का सबक मिलता है इसलिए उन्हें तोड़ा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मौके पर युवा प्रदेश अध्यक्ष निजाम अशरफ, जिÞला अध्यक्ष उत्तर पूर्व दिल्ली सूफी वारिस साबरी, युवा जिलाध्यक्ष साबिर, सज्जादा नशीन दरगाह मुसाफिर शाह के जरीफ शाह, जिÞला अध्यक्ष गाजियाबाद अब्दुल वारिस साबरी, सज्जादा नशीन नौ गजा पीर सूफी मयूर कादरी, सूफी शाहरुख मदारी, रिजवान मदारी, सूफी मोहम्मद दुलारे कादरी, सूफी गयूर कादरी, सूफी जरीफ अंसारी, सूफी गयासुद्दीन, मोहम्मद राशिद कादरी, मोहम्मद मेहताब कादरी, मोहम्मद ग्यास सैफी आदि मौजूद रहे।