22 जून 23, मुरादाबाद। नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक हंगामे और अव्यवस्था की भेंट चढ़ गई। बोर्ड बैठक में कर्मचारी यूनियनों के पदधिकारी जबरन घुस आए जिससे स्थिति हंगामेदार हो गई। देखते ही देखते कर्मचारी और पार्षद आमने-सामने आ गए। इस दौरान महापौर के साथ धक्का-मुक्की और अभद्र शव्दों का प्रयोग भी किया गया। खबर मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची। हंगामा बढ़ने पर महापौर ने बैठक को स्थगित कर दी। पुलिस ने सुरक्षा घेरा बनाकर महापौर और पार्षदों को बैठक से बाहर निकाला।
अधिकारी का नाम लेने से विफरे कर्मचारी
बताया जाता है कि करीब ग्यारह बजे बोर्ड की पहली बैठक शुरू गुई थी। सभी पार्षद क्षेत्र के विकास का खाका लेकर बहुत उम्मीद के साथ बैठक में आए थे। नवनियुक्त पार्षदों में जोश और उत्साह था। बैठक शुरू होने पर भाजपा पार्षद सुरेंद्र विश्नोई ने नगर निगम के स्थायी व संविदा कर्मियों की सूची सभी पार्षदों को उपलब्ध कराने की मांग रखी जिससे विकास तेजी से कराया जा सके। वह और मुददों पर बात कर रहे थे तभी कर्मचारी संगठनों के कार्यकर्ता ज्ञापन देने के बहाने जबरन बैठक में आ गए। नगर गिम कर्मचारी संगठन के साथ सफाई कर्मचारियों की यूनियन से जुड़े लोग भी शामिल थे। कर्मचारी यूनियन के आने से महापौर आदि ने आपत्ति जताई और कहा कि ज्ञापन तो कभी भी दिया जा सकता है। यहीं से तनातनी शुरू हुई और नारेबाजी से माहौल गर्मा गया। इस बीच सुरेंद्र विश्नोई ने इसे साजिश बताते हुए एक अधिकारी का नाम लिया तो कर्मचारी विफर गए। कर्मचारियों की नारेबाजी के बीच पार्षदों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। तनातनी का माहौल होने पर अनेक महिला पार्षद सहम गईं और रुआंसी हो गई।
पुलिस सुरक्षा में निकाला मेयर को
हंगामा बढ़ता देख महापौर विनोद अग्रवाल ने बैठक स्थगित करने का एलान कर दिया। महापौर जब सदन से बाहर निकले तो कर्मचारियों ने उन्हें घेर लिया। पार्षदों का कहना है कि मेयर के साथ धक्का-मुककी हुई और अभद्रता की गई। इस बीच कुछ पार्षद उन्हें पुलिस के सहयोग से सुरक्षा घेरा बनाकर वापस सदन में ले गए। पार्षदों को भी सदन में रोक लिया गया। खबर है कि करीब आधे घंटे बाद पुलिस सुरक्षा में मेयर समेत सभी को सदन से निकाला गया। इस संबंध में महापौर और पार्षद सुरेंद्र विश्नोई से बात करने की कोशिश की गई थी, लेकिन महापौर ने फोन रिसीव नहीं किया और सुरेंद्र विश्नोई ने बताया कि वह बैठक में है इसलिए अभी बात नहीं करेंगे। कर्मचारी नेता सुभान और कांग्रेस के पार्षद दल नेता अनुभव मल्होत्रा का फोन भी नहीं मिल सका है। इस मुददे पर कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद नदीम अंसारी ने कहा है कि पार्षदों पर जनता का विकास का दवाब है। सभी पार्षद जोश व उत्साह के साथ बैठक में आए थे, वह क्षेत्र में विकास कराने को गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि बैठक स्थगित होना दुर्भाग्यपूर्ण है। बैठक जल्दी बुलाई जानी चहिए जिससे शहर का विकास जल्दी हो सके।