अंतर्राष्ट्रीय मधुमक्खी दिवस : शहद से किसान भरें जिंदगी में मिठास, जिलों में लगेंगे हनी टेस्टिंग प्लांट
International Bee Day: Farmers will fill sweetness in life with honey, honey testing plants will be set up in districts
20 मई 23, मुरादाबाद। अंतरराष्ट्रीय मधुमक्खी दिवस के अवसर पर पंचायत भवन सभागार में मंडलीय सेमिनार में मंडलायुक्त आनंजेय कुमार सिंह ने किसानों से आह्वान किया कि वह मधुमक्खी पालन करके शहद का व्यवसाय कर सकते हैं। कम पूंजी में होने वाले इस व्यवसाय में तरक्की की गूंजाइश खूब है और परिवार का खर्च आराम से चलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए जिला स्तर पर हनी टेस्टिंग प्लांट लगाने के साथ उत्पादन और विपणन की जानकारी भी दी जाएगी। शासन किसानों की हरसंभव मदद को तैयार है।
किसानों को करेंगे सहयोग : मंडलायुक्त
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा पंचायत भवन सभागार में आयोजित मंडलीय सेमिनार में मुख्य अतिथि मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह ने कहा कि किसानों की समस्याओं का हर संभव निस्तारण किए जाने का प्रयास किया जाएगा। मधुमक्खी व्यवसाय को प्रोत्साहित हेतु उत्पादों की बाजार में खपत, शहद की जरुरत वाले बाजार तलाशने होंगे। छोटे-छोटे व्यवसायी मिलकर बड़ा व्यवसाय कर सकते हैं और उत्पादन क्षमता में वृद्धि भी होगी। कमिश्नर ने मधुमक्खी पालन क्षेत्र में प्रगतिशील एवं विशेष कार्य करने वाले किसानों को सम्मानित किया। उन्होंने पंचायत भवन प्रांगण के बाहर मधुमक्खी पालन के विभिन्न उत्पादों का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि अच्छा कार्य कर रहे हैं तो अच्छा दिखना भी चाहिए। उन्होंने कहा कि एफपीओ के गठन से ही काम नही बनेगा बल्कि हमें उससे आगे बढ़ना होगा। हमें विशेष रुप से लोगों को जोड़कर आगे बढ़ना होगा। गांव के विकास के लिए मधुमक्खी से बेहतर कोई दूसरा घरेलू रोजगार नही है। गांव के लगभग 80 प्रतिशत लोग या तो छोटे व मंझले किसान है या भूमिहीन मजदूर है, जिनके पास रोजगार नही है, जानकारी सरल होने के कारण अशिक्षित व्यक्ति भी इस व्यवसाय को कुशलता से कर सकता है। गरीब, भूमिहीन भी इस व्यवसाय को 5 से 10 मधुमक्खी के बक्सों से कम पूंजी से शुरू कर तीन वर्षो के अन्दर 50 से 100 बक्सों का मालिक बन सकता है।
बाजार व ऋण की जानकारी दी
कृषि वैज्ञानिक अधिकारी द्वारा किसानों को औद्यानिक फसलों में मौन पालन, कृषि फसलों हेतु मौन पालन, शहद उत्पादन एवं रख-रखाव के संबंध में जानकारी उपलब्ध करायी गयी। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा शहद के अतिरिक्त अन्य बी-पोलेन, प्रोपालिस, बी-बैक्स, रायल जैली एवं मॉन डिश आदि के संबंध में तथा प्रति बॉक्स शहद उत्पादन एवं कृषि आय में वृद्धि कैसे करें के संबंध में चर्चा की गयी। निदेशक एसीएबीसी डा. मेंहदी रत्ता द्वारा शहद की मार्केटिंग के संबंध में बताया गया। जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक विशाल दीक्षित द्वारा मौन पालक कृषकों को ऋण के संबंध में जानकारी प्रदान की गयी। अपर आयुक्त प्रशासन बीएन यादव, उप निदेशक उद्यान गया प्रसाद आदि मौजूद रहे।