मुरादाबाद में सपा की दुर्दशा : दिग्गज डॉ. हसन, नासिर व यूसुफ क्या जवाब देंगे हाईकमान को, तीनों के वार्ड भी हारे
SP's plight in Moradabad: What answer will veterans Dr. Hasan, Nasir and Yusuf give to the high command, all three wards also lost
13 मई 23, मुरादाबाद। समाजवादी की दुर्दशा से हर कोई हैरान है। सपा प्रत्याशी हाजी रईस उद्दीन अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। इस चुनाव में सपा को केवल 13447 वोट 4.62 फीसद वोट हासिल हुए हैं जो पिछले चुनाव में सपा को मिले 47 हजार से बेहद कम हैं। सपा की यह दुर्दशा तब हुई जब एक सांसद, एक विधायक और एक पूर्व विधायक के हाथ में सपा प्रत्याशी को जिताने की कमान थी। यही नहीं सांसद समेत तीनों दिग्गजों के घरेलू वार्डों में भी सपा को हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि सभी मंथन करने और फिर से वोटरों को एकत्र करने की बात कर रहे हैं। यही नहीं महानगर अध्यक्ष बनाए गए इकबाल अंसारी भी अपने समाज का वोट पार्टी को नहीं दिला सके।
नहीं रोक सके मतदाता को
महापौर के चुनाव में सपा ने हाजी रईस उद्दीन नईमी को मैदान में उतारा था। महापौर सीट पर अभी तक सपा दो मर्तबा चुनाव जीती है। अधिकांशता इस सीट पर विनोद अग्रवाल और उनकी पत्नी स्वर्गीय वीना अग्रवाल का कब्जा रहा है। पिछले चुनाव में कांग्रेस के रिजवान कुरैशी दूसरे स्थान पर और सपा के यूसुफ अंसारी को तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा था। इससे पहले तक यहां मुकाबला सपा और भाजपा में रहता था। इस चुनाव में कांग्रेस ने फिर रिजवान कुरैशी को उतारा था। बसपा ने मलिक समाज के मोहम्मद यामीन और आईएमआइएमआई ने अंसारी समाज के मुस्तुजाब अंसारी को मैदान में उतारा था। राजनीतिज्ञों के मुताबिक इस सीट पर अंसारी समाज का वोट करीब 90 हजार, मलिक समाज का वोट करीब 60 हजार और कुरैशी समाज का वोट करीब 40 हजार है। कुल पौने सात लाख मतदाताओं में 2.91 लाख ने मतदान किया था। सपा के दिग्गज नेता अपने समाज का वोट भी पार्टी को नहीं दिला सके हैं।
टिकट बंटवारे में पक्षपात के लगे आरोप
दरअसल, पिछले चुनाव में मतदाता सपा से प्रत्याशी बनाए गए हाजी यूसुफ अंसारी से खासे नाराज थे, इसलिए वह पचास हजार वोट भी हासिल नहीं कर सके थे। सपा और कांग्रेस के बीच वोटों का बंटवारा होने के कारण भाजपा की जीत हुई थी। इस मर्तबा चार मुसलमान प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे। सपा के सामने मतदाताओं को बचाए रखने की चुनौती थी जिसमें पार्टी के सभी दिग्गज विफल साबित हुए हैं। पार्षदों के टिकट बंटवारे में हुई मनमानी को लेकर चुनाव शुरू होते ही गुटबाजी और कलह चरम पर पहुंच गई थी। पार्षद प्रत्याशी चयन में दो मौजूदा पार्षद का टिकट काट दिया गया। कई सीटों पर कर्मठ कार्यकतार्ओं की उपेक्षा करने से कार्यकतार्ओं में बिखराव देखा जा रहा था। टिकटों का बंटवारा विधायक नासिर कुरैशी और पूर्व विधायक हाजी यूसुफ अंसारी ने किया ौर उनके साथ महानगर अध्यक्ष बनाए गए इकबाल अंसारी भी रहे थे। परिणाम यह आया कि सांसद डॉ. एसटी हसन के वार्ड से कांग्रेस, पूर्व विधायक यूसुफ अंसारी के वार्ड से निर्दलीय और विधायक नासिर कुरैशी के वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई है।
बोले दिग्गज-मंथन करेंगे हार का
हालत यह रही कि चुनाव पहले दिन ही बिखर गया और दिग्गज नेता मतदाताओं को समझाने में नाकाम साबित हुए। इस मुद्दे पर बातचीत में सांसद डॉ. एसटी हसन ने बताया कि भाजपा का प्रोपगंडा अधिक रहा और सपा कमजोर चुनाव लड़ती दिखी। मुस्लिम वोटरों का बंटवारा होने से सपा प्रत्याशी को कम वोट मिल सके हैं। उन्होंने कहा है कि शीघ्र ही मंथन के लिए एक बैठक बुलाई जाएगी। सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा। पूर्व विधायक यूसुफ अंसारी का कहना है कि हमारा प्रत्याशी चुनाव कमजोर लड़ा जिसके कारण वोटों में बिखराव देखने को मिला। अब वोटर जीतने वाले की तरफ एकमुश्त मतदान करता है। उन्होंने भी मंथन करके पार्टी का वोट फिर एकजुट करने की बात कही है। विधायक नासिर कुरैशी से फोन पर बात नहीं हो सकी। उनके पुत्र व प्रतिनिधि आमिर कुरैशी ने फोन पर बताया कि पापा शहर में नहीं हैं। वह कोशिश करते हैं कि आपकी उनसे बात हो जाए। प्रत्याशी हाजी रईस नईमी ने कहा है कि कार्यकर्ताओं के साथ नेताओं ने उनका चुनाव नहीं लड़ाया। वह चुनाव में सभी नेताओं की जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेशा यादव को देंगे।