उत्तर प्रदेशमुरादाबादराजनीति

यूपी नगर निकाय चुनाव 2023 : एक फर्जी चिट्ठी ने बदल दिये चुनाव के नतीजे…!

UP Municipal Elections 2023 : A fake letter changed the election results...!

13 मई 23, मुरादाबाद। यूपी नगर निकाय चुनाव में एक फर्जी लेटर ने चुनाव परिणाम पर कितना असर डाला है। यह समझने के लिए आपको इस खबर को पढ़ना पड़ेगा। पत्र सपा के लेटरपेड पर जारी किया गया था और इस पत्र में सपा प्रदेशाध्यक्ष की तरफ से कांग्रेस को समर्थन करने का ऐलान करते हुए कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए थे। इस पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही सपा प्रत्याशी रईस उद्दीन नईमी समेत सपा नेता सक्रिय हो गए और डीएम व एसएसपी से मिलकर शिकायत की जिसके बाद सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज भी कराई गई थी।

जीत का कम अंतर भाजपा की चुनौती

मेयर पद के लिए डाले गए 291143 वोट में आम आदमी पाटी के चंदन भट्ट को 5375, एआईएमआईएम के मुस्तुजाब अहमद को 6215, बहुजन समाज पाटी के मोहम्मद यामीन को 15845, कांग्रेस के रिजवान कुरैशी को 117826, भाजपा के विजेता विनोद अग्रवाल को 121415, समाजवादी पाटी के सैयद रईस उद्दीन को 13441 वोट मिले हैं। इसके अलावा निर्दलीय अनवर को 2635, जूही शबनम को 1188, नितिन वर्मा को 768, मासुमा निजाम को 1747, मुदस्सिर इस्लाम को 592, व शहीद हुसैन को 2077 वोट मिले हैं। नोटा बटन को 2019 मतदाताओं ने दबाया है। भाजपा के लिए यह जीत एक चुनौती है। पिछले चुनाव में करीब बीस हजार से जीतने वाली भाजपा इस मर्तबा 35 सौ पर सिमट गई है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी ने 41.71 फीसद और कांग्रेस प्रत्याशी ने 40.46 फीसद वोट हासिल किया है। इस तरह करीब एक फीसद से कुछ ज्यादा से जीत हो सकी है। कांग्रेस की हार जरूर हुई है, लेकिन वोट बड़ने के साथ पार्षद अधिक जीतकर आए हैं।

चिट्ठी ने किया वोटों का ध्रुवीकरण

दरअसल, यह पत्र फर्जी था और वोटरों को प्रभावित करने के लिए था। इसका प्रभाव कम करने के लिए सपा के प्रदेशाध्यक्ष ने तत्काल एक और लेटर जारी किया था जिसमें हाजी रईस उद्दीन नईमी को प्रत्याशी बताते हुए उन्हें ही चुनाव लड़ाने का निर्देश कार्यकर्ताओं को देते हुए साफ किया गया था कि उनके लेचरपेड का गलत इस्तेमाल करके फर्जी तरीके से लेटर जारी किया गया है। जानकार बताते हैं कि इस लेटर के जारी होने से पहले चुनाव में हिंदू-मुस्लिम रंग नहीं दिख रहा था। सपा के अलावा कांग्रेस, बसपा और एआईएमआाईएम से चार मुस्लिम प्रत्याशी मेदान में थे और भाजपा व आप से हिंदू प्रत्याशाी। इस चुनाव का सरकार बनाने व बिगाड़ने में कोई बात नहीं होती है इसलिए अमूमन यह इलेक्शन शख्सियत पर लड़े जाते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशी से पंजाबी समाज की नाराजगी, भाजपा से ब्राह्मण वोट की नाराजगी और बुधबाजार के व्यापारियों का गुस्सा जैसी चर्चाएं सियासी हल्कों में खूब हो रही थी। वोटरों का रूझान चौतरफा होने के कारण सभी वर्गोँ के सियासी रंग में रंगे थे, जाति और धर्म के मुताबिक यह चुनाव नहीं दिख रहा था। इस चिट्ठी के जारी होते ही मतदाताओं में ध्रुवीकरण होने लगा। भाजपा और प्रत्याशी से नाराजगी खत्म होने लगी इसी तरह मुस्लिम मतदाता भी कांग्रेस की तरफ एकजुट होने लगा। जानकार मानते हैं कि चिट्ठी की बारीकी से जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह चुनाव में फर्जीवाड़ा नहीं हो सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button