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आखिरी सफर : उमराह करने गए निर्यातक के बेटे का मदीना शरीफ में इंतेकाल

Last journey: Exporter's son who went for Umrah died in Madina Sharif

10 मई 23, मुरादाबाद। पुराने जमाने में जब लोग हज करने जाते थे तो पैगंबरे इस्लाम के शहर में मौत की तमन्ना लेकर जाते हैं। दुआ भी यही करते थे कि अल्लाह मदीने की मिट्टी नसीब भरमाए। बहरहाल, वक्त बदला और हज व उमराह करना आसान हो गया। अब उम्र के आखिरी पड़ाव में नहीं बल्कि जवानी की दहलीज पर पहुंचने के साथ ही उमराह और हज करने लगे। पीतल नगरी से उमराह करने सऊदी अरब गये निर्यातक के नाबालिग बेटे का उमराह का सफर आखिरी सफर साबित हुआ। अचानक तबियत बिगड़ने से डीपीएस के छात्र का मदीना में इंतेकाल हो गया। मुकद्दस सफर के दौरान मौत होने से परिवार में गम का माहौल है।

परिवार के लोग मदीना रवाना

महानगर के आजाद नगर निवासी जफर मलिक की मलिक एक्सपोर्ट्स के नाम से निर्यात फर्म है। वह 26 अप्रैल को पत्नी, दो बेटे अखलद मलिक व अशहद मलिक एवं लड़की लुबाबा मलिक के साथ उमराह के लिए सऊदी अरब रवाना हुए थे। परिवार के सभी सदस्य शुक्रवार को मक्का शरीफ से मदीना मदीना पहुंचे थे। बताया जाता है कि यहां रविवार को अखलद मलिक ने म्मस्जिदे नबवी में मगरिब की नमाज अदा की। नमाज के बाद अखलद की तबियत बिगड़ने पर उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। तबियत में सुधार नहीं होने पर हायर सेंटर रैफर कर दिया गया। जहां अखलद की मौत हो गई। डॉक्टरों का मानना है कि अखलद के जिस्म के पार्ट्स ने काम करना बंद कर दिया था, इसलिए उसकी सेहत में सुधार नहीं हो पाया।

इंतेकाल की खबर पर यहां से जफर मालिक के रिश्तेदार व दारुल उलूम जामेउल हुदा गलशहीद के मोहतमिम मौलाना ताहिर कासमी एवं भाई अतहर मलिक सऊदी के लिए सोमवार की रात में रवाना हो गये हैं। परिवार का कहना है कि मरहूम की मदीना स्थित जन्नतुल बकी में तदफीन की जाएगी।

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