21 अप्रैल 21, मुरादाबाद। यूपी में निकाय चुनाव का दौर है तो सियासी रंग चटख होने लगा है। रमजान के दौरान चुनाव की गहमागहमी शुरू होने पर अब हर कार्य में सियासत हो रही है। हद तो यह हुई कि जुमा अलविदा की नमाज के दौरान नमाजियों को धूप से राहत देने के लिए लगाए जा रहे पंडाल पर दो सियासी दल से जुड़े लोग आमने-सामने आ गए। बहरहाल, बगैर परमीशन लगाए जा रहे पंडाल को हटा दिया गया है।
इबादत में भी सियासत
दरअसल, जुमा अलविदा पर जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए हजारों लोग आते हैं। नमाज के लिए जामा मस्जिद पार्क में सफें बनाई जाती हैं। आजकल धूप तेज होने से तापमान भी 40 डिग्री के आसपास पहुंच जाता है। पार्क पर कोई साया नहीं होने से नमाजियों को चिलचिलाती धूप में नमाज अदा करनी पड़ती है। अब क्योंकि चुनाव का मौसम है और सभी दलों के प्रत्याशियों को वोट चाहिए है इसलिए एक दल के मेयर प्रत्याशी ने पार्क में जुमेरात को पंडाल लगाने की व्यवस्था की। पंडाल लेकर टैंट स्वामी का स्टाफ पहुंच गया और पंडाल लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। काफी देर तक लोगों को पंडाल लगवाने वाले की जानकारी नहीं हुई। इस बीच पंडाल लगाने के दौरान प्रत्याशी भी मौके पर पहुंच गए। प्रत्याशी को देख खबर दूसरे दल के लोगों तक पहुंची तो वह भी सक्रिय हो गए। मामला प्रशासन तक पहुंचा तो अफसरों ने शाहर इमाम और जामा मस्जिद की कमेटी से संपर्क किया। बताया जाता है कि पंडाल लगाने की जानकारी शहर इमाम और कमेटी को नहीं दी गई थी।
कमेटी की लापरवाही पर उठे सवाल
सियासी जंग से अलग लोग अब जामा मस्जिद कमेटी की लापरवाही पर भी सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि चिलचिलाती धूप में रोजे की हालत में करीब एक घंटे तक बैठने की मजबूरी है। बीते वर्ष भी नमाज के दौरान कई रोजेदारों की हालत बिगड़ गई थी। लोगों का कहना है कि कमेटी को चाहिये कि पंडाल लगाने की व्यवस्था अपने मद से करे। लोगों का यह भी कहना है कि कमेटी अगर पंडाल लगाने की व्यवस्था करती तो सियासी लोगों को पंडाल लगाने की जरूरत नहीं होती। जानकार बताते हैं कि कमेटी के पास धन की कमी भी नहीं है। बहरहाल, यह मामला शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। न्यूज रनवे शीघ्र ही कमेटी के जिम्मेदारान से और नमाजियों से वार्ता करके पंडाल लगाने पर विस्तार से चर्चा करेगा।