
(अरुण कुमार की रिपोर्ट)
17 अप्रैल 23, कोटद्वार। पौड़ी जिले के कोटद्वार के करीब दो दर्जन गांवों में टाईगर का आतंक फैल रहा है। बाघ ने दो ग्रामीणों को निवाला बना लिया है। सतर्क हुए प्रशाासन ने दिन ढलने के बाद ग्रामीणों को घरों में रहने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद कर दिये हैं। टाईगर कर्फ्यू से ग्रामीणों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहराने की आशंका बन गई है।
पशुओं को भी खुला नहीं रखने की हिदायत
बताया जाता है कि कोटद्वार के रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत बाघ के आतंक को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि कर्फ्यू लगा दिया गया है। स्कूल और आंगनबाड़ियों को भी दो दिन 17 और 18 अप्रैल के लिए बंद रखा गया है। रविवार देर रात इस संबंध में जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने आदेश जारी किए हैं। क्षेत्र में पिछले चार दिनों में बाघ ने दो बुजुर्ग व्यक्तियों को निवाला बना दिया है।जिलाधिकारी की ओर से जारी आदेश में ग्रामीणों को शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक घर से बाहर न निकलने के आदेश दिए गए हैं। जिन गांवों में कर्फ्यू लगाया गया है उनमें ग्राम डल्ला मेलधार, क्वीराली, तोल्यूं, गाड़ियों, जूई, द्वारी, कांडा, कोटडी के साथ ही नैनीडांडा ब्लाक के ग्राम ख्यूंणाई तल्ली, ख्यूंणाई मल्ली, ख्यूंणाई बिचली उम्टा, सिमली मल्ली, चमाडा, सिमडी तल्ली घोड़ाकंद सहित कई अन्य गांव शामिल हैं। उप जिलाधिकारी लैंसडाउन को बाघ प्रभावित क्षेत्रों में ऐसे परिवार व घरों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं जो बाघ के हमले के दृष्टिगत अधिक संवेदनशील हैं। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को बाघ प्रभावित गांव में मवेशियों के लिए चारा पत्ती की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।