16 अप्रैल 23, सम्म्भल। निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशियों का चयन और साथ ही संगठन तैयार करने के लिए अध्यक्षों का मनोनयन किए जाने में सपा हाईकमान की हड़बड़ी सामने आयी है। इसका उदाहरण बना सम्भल जिलाध्यक्ष का मनोनयन। हाईकमान ने सुबह फिरोज खां को जिलाध्यक्ष मनोनीत किया था जिसके चंद मिनटों में बदलकर असगर अली अंसारी को जिलाध्यक्ष की कमान दी गई है। सियासी जानकार मानते हैं कि इससे सपा में गुटबाजी और बढ़ेगी। हालांकि कुछ लोग इसे आजम और इकबाल महमूद के वर्चस्व की लड़ाई भी मान रहे हैं।
प्रदेशाध्यक्ष ने जारी किया संशोधित पत्र
दरअसल, सपा में गुटबाजी बढ़ती जा रही है। जिला और नगर स्तर पर संगठन नहीं होने से कार्यकर्ता निराश दिखाई दे रहे हैं। इस बीच निकाय चुनाव का बिगुल भी बज गया है। पार्टी हाईकमान कई दिनों से संगठन और प्रत्याशी तय करने को मंथन में जुटा है। सोमवार को नामांकन का अंतिम दिन है इसलिए सभी प्रत्याशी रविवार रात तक घोषित करने हैं। इस बीच जहां महानगर और जिलाध्यक्षों का मनोनयन नहीं हुआ है, वहां भी मनोनयन की प्रक्रिया चल रही है।निकाय चुनाव के टिकट और अध्यक्षों के मनोनयन में जातिगत समीकरण बनाने की कोशिश की जा रही है। प्रदेशाध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सम्भल में फिरोज खां को जिलाध्यक्ष मनोनीत करके पत्र जारी कर दिया था। इसके बाद फिर संशोधित पत्र जारी किया जिसमें फिरोज खां के स्थान पर असगर अली अंसारी को जिलाध्यक्ष बनाने की घोषणा की गई है।
आजम व नवाब का सियासी वर्चस्व
गौरतलब है कि फिरोज खां का नाम आजम खां के गुट से जोड़ा जाता है। सपा के कद्दावर नेता माने जाने वाले आजम खां का पार्टी में कद लगातार कम हो रहा है। इसके विपरीत असगर अली विधायक इकबाल महमूद और बहजोई विधायक के गुट में शामिल हैं। असगर अली ने विधायक पिंकी यादव को बहन बना रखा है। सियासी हल्कों में चर्चा है कि फिरोज खां को अध्यक्ष मनोनीत करने के बाद दोनों विधायक सक्रिय हो गए और अखिलेश यादव से बातचीत की। बहरहाल पार्टी में गुटबाजी और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है जिसका असर निकाय चुनाव पर पड़ सकता है। इसके बाद नरेश उत्तम पटेल ने फिरोज खां को निकाय चुनाव का जिला प्रभारी घोषित किया है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की संस्तुति पर यह तैनाती की गई है।