01 अप्रैल 23, मुरादाबाद। हत्यारा कितना भी शातिर हो, लेकिन पुलिस की समझ और टीम वर्क के सामने उसकी छोटी सी चूक उसे हवालात तक पहुंचा ही देती है। महानगर के चर्चित सीए श्वेताभ तिवारी हत्याकांड में भी बेहद शातिराना अंदाज अपनाने वाले हत्यारोपी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गए। पुलिस टीम की सफलता से अफसर भी खुश हैं इसलिए उलझी हुई हत्या की गुत्थी का खुलासा करने वाली पुलिस की तेजतर्रार टीम को पुलिस उपमहानिरीक्षक शलभ माथुर ने सम्मानित किया है। शनिवार को एसएसपी और एसपी सिटी की मौजूदगी में पुलिस टीम को प्रशस्ति पत्र का वितरण किया गया।
एसएसपी ने की पुलिस टीम सराहना
शहर की पॉश कालोनी रामगंगा विहार के रहने वाले सीए श्वेताभ तिवारी की 15 फरवरी को रात साढ़े नौ बजे दिल्ली मार्ग स्थित उनके दफ्तर के सामने कई गोलियां मारकर हत्या की गई थी। बाइक पर आए शूटरों की तलाश में पुलिस की पांच टीमें गठित की गई थीं। डीआईजी शलभ माथुर ने मंडल के तेजतर्रार पुलिस कर्मियों को तफ्तीश में लगाया था। बीते दिन पुलिस ने पाकबड़ा के गिदौंडा गांव निवासी केशव शरण शर्मा पुत्र जंक्शन शर्मा और कोतवाली के रेती स्ट्रीट निवासी विकास शर्मा उर्फ जग्गू पुत्र आनंद मोहन शर्मा को गिरफ्तार कर हत्या का खुलासा किया था। हत्या की साजिश रचने में भाजपा नेता पूर्व ब्लाक प्रमुख ललित कौशिक को आरोपी बनाया गया है। याद रहे कि इस हत्याकांड में आरोपी बनाए गए ललित कौशिक और खुशवंत उर्फ भीम पहले से जेल में हैं। शनिवार को डीआईजी शलभ माथुर ने एसएसपी हेमराज मीणा, एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया की मौजूदगी में तफ्तीश टीम में शमिल पुलिस कर्मियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया है। डीआईजी शलभ माथुर ने कहा है कि हत्या का खुलासा करना चुनौतीपूर्ण था जिसे पुलिस ने सफलता से हासिल किया है। टीम के सभी सदस्यों ने कड़ी मेहनत, लग्न और सूझबूझ से कार्य किया है। एसएसपी हेमराज मीणा ने भी पुलिस टीम की सराहना की है। याद रहे कि डीआईजी ने श्वेताभ तिवारी की हत्या का खुलासा करने वाली टीम को पचास हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है। एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया तफ्तीश में जुटी टीमों की निगरानी कर रहे थे।