अध्यात्मउत्तर प्रदेशमुरादाबाद

जुलूस-ए-हैदरी : खुदनुमाई के लिए शेर-ए-खुदा के आशिकों से धक्का-मुक्की, खूब गूंजी या अली-हक अली की सदाएं

Juloos-e-Hydari: Shout-out with the lovers of Sher-e-Khuda for self-representation, loud echoes or Ali-Haq Ali's sadades

6 फरवरी 23, मुरादाबाद। शेरे खुदा, मुश्किलकुशा, दामादे रसूल, शौहरे बतूल, औलादे अबूतालिब, वालिदे हसनैन-करीमैन मौला ए कायनात हजरत अली की यौम-ए-विलादत पर अकीदत और जोश-ओ-खरोश के साथ शहर में शान-ओ-शौकत के साथ जुलूस निकाला गया। आमदे अली के जश्न में आशिके अली ने लंगर किया और गुलामाने अली अली-अली की सदाएं बुलंद करते रहे। बेहद खूबसूरत जुलूस का खराब पहलु रहा खुदनुमाई के शौक में अकीदतमंदों के साथ धक्का-मुक्की करना। यही नहीं खुली जीप में सवार होकर आशिकों को तेज हार्न से डराते हुए आगे निकलने की कोशिश देख अली के चाहने वाले हैरान रह गए।

जुलूस-ए-हैदरी में शामिल हजरत अली के रोजे का माडल।

मुल्क में अमन और तरक्की की दुआ 

कमेटी शैदाए पंजतन के जेरे एहतेमाम अली पर फैजगंज से नमाजे मगरिब के बाद जुलूस निकाला गया। जुलूस में शामिल हक अली-मौला अली की सदाएं बुलंद की गई। मगरिब की नमाज के बाद नियाजी मंजिल से शुरू हुआ। जुलूस से पहले हुई महफिल में हजरत अली की जिन्दगी और तालीम पर रोशनी डाली गई और देश की तरक्की, खुशहाली, अमन चैन और आपसी सौहार्द के लिए सैयद सलमान मियां निजामी नियाजी ने दुआ की।

जुलूस-ए-हैदरी में शामिल आशिके अली।

जुलूस जीआईसी चौराहा, जामा मस्जिद चौराहा, प्रिंस रोड, इन्द्रा चौक, गलशहीद चौराहा होता हुए ईदगाह स्थित दरगाह हजरत शाह मुकम्मल (रह.) पर पहुंचा कर सम्पन्न हुआ। जुलूस में शामिल लोगों पर लोगों नें फूल बरसा कर इस्तकबाल किया। जुलूस में शामिल लोगों ने खुली जीप के शामिल होने पर हैरानी जताई है। लोगों का कहना है कि इससे आने वाले सालों में निकाले जाने वाले जुलूसों में लोग वाहनों लेकर आने लगेंगे। इसी तरह जुलूस के बानी कहे जाने वाले गले में फूलों के हार डालकर चलने वाले लोग पीछे रह गए। इस स्थिति में कुछ लोगों ने अपना चेहरा दिखाने के लिए आगे निकलने की होड़ शुरू की और अपने लोगों के द्वारा आगे चल रहे लोगों से धक्का-मुक्की कराई गई। जुलूस में शामिल लोगों ने इस हरकत पर भी नाराजगी जताई है। लोगों का कहना है कि हजरत अली का आशिक और गुलाम कहने वालों को अपना किरदार भी पेश करना चाहिये।

जुलूस-ए-हैदरी में शामिल आशिके अली।

वारसी कैंप में दिन भर चला लंगर

इस मौके पर अंसार इंटर कालेज के सामने वारसी लंगर का कैंप लगाया गया। रिजवान वारसी की तरफ से लगाए गए कैंप में शरबत, मिठाई. खजूर और टाफियां तकसीम की गई। इस मौके पर अफसर वारसी, रईस वारसी, अनीस वारसी, मोहसिन वारसी, फरहान वारसी, परवेज वारसी, अकील वारसी, उबैद वारसी, हैदर वारसी, आदिल वारसी, अनस वारसी, फहीम वारसी, अबरार वारसी, जीशान वारसी, नसीम वारसी, जईम वारसी, अमान वारसी आदि शामिल रहे।

जुलूस-ए-हैदरी से पहले मुल्क में अमन व तरक्की की दुआ करते हुए।

रिजवान वारसी ने जुलूस में शामिल अकीदतमंदों को चादर पेश करके इस्तकबाल किया। इसके अलावा सांसद डा. एसटी हसन, सैयद सलमान मिया नियाजी, सैयद अहमद कमाल गुल्लू मियां, असद मौलाई, सैयद अम्बार नियाजी, नाजिम शाह नियाजी, हम्माद नियाजी, सैयद मसूदुल हसन, वगैरह शामिल रहे। जुलूस के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे और पुलिस अधिकारी भी निगरानी के लिए मौजूद रहे।

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