30 जनवरी 23, मुरादाबाद। उत्तर भारत में बदलते मौसम के बीच सोमवार सुबह जिले में बारिश होने से कंपकपी का मौसम लौट आया है। बारिश जहां फसलों के लिए सोना मानी जा रही है वहीं शहर के बीचों-बीच पेड़ गिरने से दो भैंसों की मौत होने के साथ भारी नुकसान हो गया है। बरसात से शहर में कई जगह बिजली संकट भी गहरा गया है।
बारिश से फिर आया ठिठुरन का दौर
उत्तर भारत के मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। सर्दी के चौथे चरण में रविवार शाम को हल्की बूंदाबांदी होने के बाद सोवार सुबह से बारिश शुरू हो गई। दस बजे के बाद बारिश थम गई है, लेकिन आसमान में घने बादल छाए हुए हैं। सोमवार को दिन भर बादल ठाये रहने और बूंदाबादी होने के आसार हैं। मौसम विभाग का कहना है कि मंगलवार को आसमान साफ रहने से राहत मिलेगी। मौसम विभाग का कहना है कि मंगलवार को सूरज भी निकल सकता है। सोमवार को बारिश होने के कारण आफिस और स्कूल जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मौसम के करवट लेने से सर्दी और ठिठुरन बढ़ गई है। इस दौरान तहसील स्कूल के पास मछली बाजार में छोटे खां के तबेले में पेड़ गिरने से दो भैंसों की दबकर मौत हो गई। यहां खड़ी कार को नुकसान हुआ है। मुहम्मद जुबैर ने बताया कि पेड़ गिरने से पशुओं की मौत के अलावा भी काफी नुकसान हुआ है। पेड़ गिरने से आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया है। बरसात से कई इलाकों में बिजली समस्या गहराने की खबर है।
किसान जलभराव न होने दें खेतों में
ठाकुरद्वारा के कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी का कहना है कि बरसात का प्रभाव क्षेत्र में उगाई जाने वाली गेंहू, गन्ने एवं टमाटर की फसल के लिए यह बारिश लाभकारी है। इस दौरान किसान ध्यान रखें की गेंहू की फसल के खेतों में जलभराव नहीं होना चाहिए। सरसों की फसल में इस समय हो रही बरसात से चेपा कीट से राहत मिलेगी। मसूर के खेतों में जलभराव नहीं होने देना है। बागवानी फसलों के लिए यह वर्षा लाभकारी है। पशु पालकों को सावधानी बरतते हुए पशुओं को बारिश में भीगने से बचाव कना होगा। पशुओं को ठंड से बचाने के लिए जूट की बोरी पहनाने का प्रबंध करें एवं पशुओं को बंद आवास में बांधकर रखें। पशु आहार में सूखे चारे के साथ दाने का अधिक इस्तेमाल करके पशु को ठंड से बचाया जा सकता है। चारा फसलों जैसे कि जई एवं बरसीम के लिए यह बरसात लाभदायक है। इस दौरान बरसीम के खेतों में जलभराव की स्थिति नहीं होनी चाहिए।