23 जनवरी 23, रामपुर। जानी ये बच्चों के खेलने की चीज नहीं, हाथ कट जाएगा। अपने खास अंदाज और डायलॉग डिलीवरी के लिए मशहूर राजकुमार का यह डायलॉग रामपुरी चाकू की तेज धार की कहानी बयां करता है। सन अस्सी और इसके आसपास की हिंदी फिल्मों में विलेन के पास अक्सर रामपुरी चाकू होता था। कट-कट-कट की आवाज के साथ खुलने के साथ बटन दबाने पर यकायक चाकू का ब्लेड बाहर आने वाले चाकू देश भर में रामपुरी चाकू के नाम से मशहूर थे। सौ साल से अधिक पुरानी रामपुर की चाकू बनाने की कला को धीरे-धीरे जंक लगने लगी और चाइना के चाकुओं ने बाजार पर कब्जा करना शुरू कर दिया। अब फिर रामपुरी चाकू की धार को तेज करने की कवायद शुरू हुई है। चाकू बनाने की कला के साथ चाकू की धार बनाए रखने के लिए चाकू चौक की स्थापना की जा रही है।
फिल्मी दुनिया में धूम रही रामपुरी चाकू की
दरअसल, नवाबों के शहर रामपुर में बनने वाला चाकू अपने अनोखे ताले और कट-कट-कट की आवाज के लिए प्रसिद्ध है। चाकू स्टाइलिश तरीके से ब्लेड बाहर आता है जिससे सामने वाला आतंकित हो जाता है। फिल्मों में विलेन के पास रामपुरी चाकू दिखाए जाने से शौक की जगह यह अपराधियों का हथियार बन गया। चाकू का हत्था लकड़ी, लोहे और स्टील के साथ पीतल का बनाया जाता है और ब्लेड चमचमाता हुआ। चाकू में एक खास अंदाज का कर्व भी होता है। रामपुर के बड़ी तादाद में लोग चाकू निर्माण और बिक्री करके परिवार को पोषण करते थे। इसलिए यहां बाजार का नाम भी चाकू बाजार है। माना जाता है कि प्रदेश सरकार ने करीब तीस वर्ष पूर्व 4.5 इंच से अधिक ब्लेड के चाकू रखने को अंसैधानिक करार दिया था जिससे रामपुरी चाकू की बिक्री प्रभावित हुई है। चाकू बनाने वाले कहते हैं कि कच्चे माल की गिरती कीमत और चाइना से सस्ते आते चाकू ने उनका रोजगार छीन लिया। अब तो चाकू बाजार में भी चाइना के चाकू की बिक्री होती है।
सरकारी सहयोग की दरकार है कारीगरों को
शहर के जौहर चौक पर चाकू बीस फीट का करीब साढ़े आठ कुंतल वजनी चाकू लगाया जाएगा। रामपुरी चाकू को पहचान दिलाने के लिए नैनीताल रोड पर जौहर चौक पर लगाए जाने वाले चाकू को तैयार करने में करीब 35 लाख का खर्चा आया है। रामपुर के आर्टिज्म स्टूडियो-13 ने चाकू को तैयार किया है। चाकू तैयार करने वाले अफशान खां ने एक समाचार पत्र को बताया है कि रामपुर में चाकू चौक होना चाहिए। वह बताते हैं कि यह दुनिया का सबसे बड़ा चाकू है। गौरतलब है कि तेज धार के चाकू के लिए जर्मनी की दुनियाभर में पहचान है और रामपुर नवाब ने जर्मनी से मंगाए चाकू को दिखाकर रामपुर के कारीगरों से चाकू बनवाया था जिसके बाद यह कला खूब फलीफूली और रामपुर का चाकू देशभर में मशहूर हो गया। कारीगर कहते हैं कि सरकार सहयोग करे तो रामपुरी चाकू की तेज धार से चाइना के चाकू को बाजार से खदेड़ सकते हैं जिससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा।