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डबल फाटक (करूला) पुल बंद : जाम में फंसी जिंदगी तो ‘जान जोखिम में’ डाल रहे लोग, रेल अफसर बेपरवाह

Double phatak (Karula) bridge closed: People are putting their lives at risk due to the jam, railway officers are careless

22, जनवरी 23, मुरादाबाद। करूले की लाखों की आबादी को शबर से जोड़ने वाला डबल फाटक पुल बंद होने और वैकल्पिक मार्गों की दयनीय स्थिति होने के कारण लोगों को जाम से रूबरू होना पड़ा। जाम से बचने और जल्दबाजी करने वाले बाइक सवार रेल लाइनों को पार करके शहर आते-जाते देखे गो तो पिछले दिनों दर्दनाक हादसा होने के बाद भी रेल अफसर बेफिक्र दिखाई दिए। सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण कोहिनूर तिराहे पर दिन भर जाम की स्थिति बनी रही वहां हनुमान मूर्ति तिराहा मार्ग पर सड़कों पर गड्ढे होने के कारण लोगों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा।

कोहिनूर तिराहे पर लगे जाम में फंसे वाहन।

कोहिनूर तिराहे पर दिन रहा जाम

डबल फाटक पुल को शनिवार-रविवार की रात 12 बजे से बंद करके सुधार का कार्य शुरू हो गया है। एडीएम सिटी के मुताबिक मरम्मत का कार्य 75 दिन में पूरा होगा। गौरतलब है कि शहर के करूला, आजाद नगर, ट्रांसपोर्ट नगर के अलावा सम्भल, चंदौसी, बहजोई के लिए वाहनों का आवागमन इसी मार्ग से होता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 80 हजार वाहन रोजाना इस पुल से होकर गुजरते हैं। फिलहाल पुल के सभी बेयरिंग खराब होने पर इसे मरम्मत के लिए बंद किया गया है। सरकारी तंत्र ने पुल बंद होने से वैकल्पि मार्गों की दशा नहीं सुधारी जिससे लोगों को लंबा और खतरनाक रास्ता तय करना पड़ा। कोहिनूर तिराहे से अतिक्रमण हटाने व यातायात में बाधक बने पुलिस के गोल चक्कर को नहीं हटाया गया। कोहिनूर तिराहे पर अक्सर जाम रहता है और इसके सोंदर्यीकरण की योजना भी तैयारी में हैं। इसी तरह कोहिनूर तिराहे से हनुमान मूर्ति तिराहे तक सड़क के गड्ढे भी ठीक नहीं कराने से लोगों को परेशानी हुई।

हनुमान मूर्ति बाइपास में गड्ढे ही गड्ढे।

वैकल्पिक मार्ग की खस्ता हालत

कपूर कंपनी का पुल बंद होने के साथ बुधबाजार में अतिक्रमण हटाने का कार्य चल रहा है। इस बीच डबल फाटक पुल भी बंद होने से यातायात प्रेभावित हो रहा है। रविवार को सम्भल चौराहा, बुधबाजार और कोहिनूर तिराहे पर जाम के हालात बने रहे। शहर के करूला, जयंतीपुर के रहने वाले दो लाख से अधिक नागरिकों के अलावा दूसरे जिलों से आने वाले प्रतिदिन हजारों लोगों को आने जाने में परेशानी हुई। क्षेत्रवासियों का कहना है कि बच्चों को स्कूल भेजने के साथ कल से आफिस पहुंचने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी। फिलहाल तो बड़ी संख्या में लोग पुल के नीचे रेल लाइनों से बाइक लेकर निकलते रहे। रेल अफसरों ने रास्ते को बंद नहीं किया है। वहीं रविवार को आरपीएफ और रेलवे अधिकारी भी पुल के नीचे नहीं दिखाई दिए।

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