
13 सितंबर 24, मुरादाबाद।तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों में 16 सितंबर को एक और अध्याय जुड़ने जा रहा है। बकौल टीएमयू कुलाधिपति सुरेश जैन-मानवीय नेता, आध्यात्मिक गुरु व शांति के राजदूत श्री श्री रविशंकर को डीलिट की मानद उपाधि प्रदान की जाएगी। कार्यक्रम में अध्यात्मिक गुरु युवाओं को समस्याओं से जूझने और खुश रहने का मंत्र भी देंगे।
प्रवेश के लिए वेबसाइट पर फार्म
कुलाधिपति सुरेश जैन ने बताया कि श्री श्री रविशंकर गुरु 16 सितंबर को 11.30 बजे विश्वविद्यालय आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि गुरु का स्वागत करने के बाद उन्हें डीलिट की मानद उपाधि प्रदान की जाएगी। विशेष कार्यक्रम में विवि के सभी पदाधिकारी व अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इसके बाद श्री श्री रविशंकर छात्र-छात्राओं को संबोधित करेंगे। यूथ मीट में उनका प्रवचन समस्याओं का समाधान तलाशते हुए प्रसन्न रहने, परिवार को खुश रखने के साथ समाज में सकारात्मक योगदान देने की प्रेरणा देंगे। श्री जैन ने बताया कि कार्यक्रम में शामिल होने वालों को विवि की वेबसाइट पर जाकर एक फार्म भरना होगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की तैयारी जोरशोर से जारी है। उन्होंने कहा है कि शांति के राजदूत और अध्यात्मिक गुरु को डाक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित करना टीएमयू परिवार के लिए गौरव की बात है।
जानिये गुरु के बारे में
गुरु श्री श्री रविशंकर की पहचान मानवीय नेता, आध्यात्मिक गुरु और शांति के राजदूत की है। वह उनकी तनाव मुक्त व हिंसा-मुक्त समाज बनाने गके लिए सेवा कार्य में जुटे हैं। जीवन जीने की कला सिखाने वाले अध्यात्मिक गुरु को पूरी दुनिया बखूबी पहचानती है। उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा रहा है तथा कोलम्बिया, मंगोलिया और पराग्वे का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार सहित कई सम्मान मिले हैं। भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्राप्त करने के साथ दुनिया के अनेक विश्व विद्यालयों से मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किए जा चुके हैं। वह श्री श्री विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और गुणवत्ता नियंत्रण के भारत योग प्रमाणीकरण समिति के अध्यक्ष है। अमरनाथ तीर्थ बोर्ड के सदस्य भी है । वर्ष 1956 में दक्षिण भारत में जन्मे श्री श्री रवि शंकर चार वर्ष की आयु से ही भगवद गीता का व्याख्यान कर रहे हैं। उनके पहले गुरु श्री सुधाकर चतुवेर्दी रहे जोकि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के साथ लंबे समय रहे।