12 अप्रैल 24, मुरादाबाद। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी इरफान सैफी का कहना है कि यह चुनाव मुसलमानों का वजूद बचाने का चुनाव है। टिचकट वितरण से साफ हो गया कि अखिलेश यादव भी मुसलमानों की कयादत खत्म करना चाहते हैं इसलिए ही उन्होंने मौजूदा सांसद का टिकट काटकर बाहरी को टिकट दिया है। उन्होंने कहा है कि मुसलमान-दलित और पिछड़ा वर्ग मतदाता मिलकर भाजपा को हरा सकते हैं और मतदाता यह बात समझ अच्छी तरह समझ रहा है।
दलित-मुस्लिम गठजोड़ से मिलेगी जीत
बसपा प्रत्याशी इरफान सैफी ने न्यूज रनवे से खास मुलाकात में कहा कि समाजवादी पार्टी भी भाजपा के नक्शे कदम पर चल रही है। सपा चाहती है कि मुसलमानों से कयादत छीन ली जाए और मुसलमानों का कोई अपना नेता नहीं रहे। इसके विपरीत बसपा ने हमेशा अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और दलितों के हितों की रक्षा की है और इंसाफ दिलाया है। उन्होंने दावा किया कि वह भाजपा से सीधा मुकाबला कर रहे हैं। उन्होंने आंकड़ों से समझाया कि दो लाख से अधिक दलित वोट उनके पास है। पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के साथ अल्पसंख्यकों का बड़ी तादात में उन्हें समर्थन मिल रहा है जिससे उनकी जीत निश्चित है। उन्होंने कहा कि सपा द्वारा टिकट बंटवारे से इस सीट के मुसलमान सोचने को मजबूर है और बसपा को वोट देकर सपा को कड़ा संदेश देना चाहता है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव मुसलमानों के साथ दलितों और पिछड़ों के लिए बेहद महत्वपूर्ण और चुनाव के नतीजे इन्हें सर्वाधिक प्रभावित करेंगे। उन्होंने कहा कि बसपा का कार्यकर्ता बहुत मजबूती से लोकसभा चुनाव की इस जंग में मुस्तैद है और घर-घर जनसंपर्क करके बसपा की नीतियों और बहन मायावती के कुशल प्रशासन से अवगत करा रहा है। उन्होंने बसपा सरकार में हुए विकास कार्यों और पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि बहन मायावती के हाथों को मजबूत करना है और उन्हें देश का प्रधानमंत्री बनाना है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई बढ़ने के साथ भाजपा की नीतियों से गरीब, किसान, मुसलमान, सरकारी कर्मचारी, मजदूर और छोटे उद्योग चलाने वाले परेशान हैं और भाजपा को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं।