24 मार्च 23, मुरादाबाद। मुरादाबाद संसदीय क्षेत्र-6 में फिर सपा के डा. एसटी हसन और भाजपा के कुंवर सर्वेश सिंह के बीच होने वाला है। इस बीच बसपा ने ठाकुरद्वारा नगर पालिका अध्यक्ष इरफान सैफी को मैदान में उतारा है। डा. एसटी हसन और सर्वेश सिंह के बीच यह तीसरा मुकाबला है जिसमें दोनों एक-एक मर्तबा जीत हासिल कर चुके हैं। इस मर्तबा राजनीति की परिस्थितियां बदली हुई हैं और इंडिया गठबंघन व एनडीए गठबंधन में मुकाबला होना है। हालांकि अकेले चड़ रही बसपा भी कोई कोरकसर छोड़ना नहीं चाहती है, इसी तरह एआईएमआईएम भी अपना प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर चुकी है।
बदले हुए हैं समीकरण
मुरादाबाद संसदीय क्षेत्र पर नजर डालें तो पिछले लोकसभा चुनाव में डा. एसटी हसन को 649538 वोट हासिल हुए थे। दूसरे नंबर पर रहे सर्वेश कुमार को 551416 वोट मिले थे। कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी 59198 वोट मिल सके थे। वर्ष 2019 के चुनाव में सपा, रालोद और बसपा एक साथ चुनाव लड़ी थी जबकि इस मर्तबा सपा और कांग्रेस चुनाव मिलकर लड़ रही हैं और रालोद इस मर्तबा भाजपा के साथ है। अगर सांसद बनने की बात करें तो वर्ष 2009 में कांग्रेस से क्रिकेटर अजहरुद्दीन जीते थे और वर्ष 2014 में भाजपा के सर्वेश सिंह और वर्ष 2019 में सपा के डा. एसटी हसन ने बाजी मारी थी। मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र आते हैं जिसमें मुरादाबाद नगर व बिजनौर की बड़ापुर सीट पर भाजपा और देहात, कांठ व ठाकुरद्वारा पर सपा का कब्जा है। अगर वोट प्रतिशत की बार करें तो मुस्लिम मतदाता 48 और हिंदू मतदाता 52 फीसदी बताए जाते हैं। जानकार मानते हैं कि ठाकुरद्वारा क्षेत्र से भाजपा के सर्वेश सिंह और बसपा के इरफान मुकाबले में होने के कारण ठाकुरद्वारा में चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है।
मुरादाबाद से 11 सांसद बने
मुरादाबाद सीट पर आजादी के बाद से अबतक ग्यारह लोग सांसद रह चुके हैं। इस सीट पर सबसे पहले सांसद बने कांग्रेस के रामसरन, 1962 में सैयद मुजफ्फर हुसैन, 1967 में ओम प्रकाश त्यागी 1971 में वीरेंद्र अग्रवाल, 1977 व 1980, 1989 व 1991 में गुलाम मोहम्मद खान, 1984 में हाफिज मो. सिद्दीक, 1996, 1998 व 2004 में डा. शफीकुर रहमान बर्क, 1999 चन्द्र विजय सिंह, 2009 में मोहम्मद अजहरुद्दीन, 2014 सर्वेश कुमार सिंह और 2019 में डा. एसटी हसन सांसद चुने गए हैं। बदली राजनीतिक परिस्थितियों में मौजूदा वक्त में किसी की जीत का अंकलन मुश्किल है, हालांकि तीनों प्रत्याशियों के समर्थक अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।