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जमीअत उलमा-ए-हिंद का इजलास : बोले मदनी-मौजूदा वक्त हमारे सब्र का इम्तेहान, समझें अपनी जिम्मेदारी

Jamiat Ulama-e-Hind's meeting: mahmood Madani said, the present time is a test of our patience, understand your responsibility

27 फरवरी 24,मुरादाबाद। जमीअत उलेमा हिंद उत्तर प्रदेश की प्रबंधन समिति की महत्वपूर्ण सभा में मौजूदा वक्त पर विचार किया गया है। इजलास में तय किया गया कि यह सब्र करने का वक्त है, लेकिन हनारी हिम्मत और हौसला लगातार बढ़ रहा है। बस अब जरूरत है अपनी जिम्मेदारी को समझने की और समझदारी से फैसले लेने की। इजलास में आह्वान किया गया कि यह वक्त घर में बैठने का नहीं, बल्कि समाज में कार्य करने का है।

अल्लाह ने फरमाया है कि परीक्षा लेंगे

जामा मस्जिद पार्क में आयोजित सभा की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष मौलाना अब्दुर्रब आजमी ने की। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा कि आज हमारे धैर्य का परीक्षण है, लेकिन हमारा साहस, हमारी हिम्मत विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पहले से ज्यादा मजबूत है। हम इस विश्वास के साथ एकत्र हुए हैं कि बैठक खाने और चले जाने के लिए नहीं, बल्कि मैदान में निकल कर काम करने का है। हमें संकल्प करना होगा कि हम साहस के साथ अच्छे जीवन के निर्माण के लिए निरंतर संघर्ष करेंगे। एक दूरगामी और दीर्घकालिक नीति के तहत हमें बदलाव के लिए काम करना होगा और बदलाव की यह यात्रा खुद से शुरू होती है। उन्होंने कहा कि तूफान हमारे ऊपर से गुजर चुका है और ऐसे समय में हमारी लापरवाही से ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं है। मौलाना मदनी ने कहा कि कौमों की जिंदगी में परेशानियां आती रहती हैं। अल्लाह ने पवित्र कुरान में फरमाया है कि हम तुम्हारे ईमान की परीक्षा लेंगे, लेकिन यह परीक्षा हमें तोड़ने के लिए नहीं, बल्कि अल्लाह से इनाम के लिए है। यदि हम मजबूती के साथ आगे बढेंगे तो हमें इनाम मिलेगा और यदि हमने हिम्मत हारी, तो हमारी रक्षा करने वाला कोई नहीं है। मौलाना मदनी ने भारत सरकार के एनसीपीसीआर के चेयरमैन द्वारा हालिया दिनों में मदरसों के खिलाफ दिए बयान की निंदा करते हुए कहा कि उनका बयान अज्ञानता और मजहब के विरोध पर आधारित है। उन्होंने सवाल उठाया कि इस देश में दस मिलियन से ज्यादा बच्चे बाल मजदूरी के शिकार हैं और करोड़ों बच्चे आज भी शिक्षा से वंचित हैं। इसकी रोकथाम के लिए एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने क्या काम किया? मौलाना मदनी ने कहा कि उनके आरोप मदरसों से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। समाज सुधार पर बात करते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि जो व्यक्ति अपने समारोह शरई तरीके से करें और दिखावे से बचें। उन्होंने मतादाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने और अपने दस्तावेज दुरुस्त करने का आह्वान भी किया है।

इजलास में शाामिल यूपी से आए पदाधिकारी।

ये प्रस्ताव किए गए पारित

सभा में मकतबों की स्थापना, मदरसों की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की सुरक्षा, मुसलमानों के शैक्षिक और आर्थिक पिछड़ेपन, लड़कियों के लिए विशेष संस्थानों की स्थापना और इस्लामिक शिक्षाओं के संबंध में गलतफहमियों को दूर करने और धर्म त्याग के रोकथाम, समाज सुधार, मुस्लिम अवकाफ की सुरक्षा, फिलिस्तीन सहित कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल रब आजमी ने संगठनात्मक स्थिरता पर जोर दिया। नाजिम-ए-आला मौलाना मोहम्मद मदनी ने रिपोर्ट प्रस्तुत की। मौलाना अब्दुल मोईद फतेहपुरी ने संचालन किया। मौलाना कलीमुल्लाह कासमी हंसोड़, कारी जाकिर, मौलाना सैयद हातिब लखनऊ, मुफ्ती बिन्यामीन, मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्ला, सैयद जहीन अहमद मदनी, मौलाना इमरान खान, मौलाना मूसा कासमी, मौलाना अब्दुल खालिक, हाफिज ओबैदुल्लाह, मौलाना इफ्तिखार हापुड़, मौलाना गुलफाम, मुफ्ती मोहम्मद सादिक, हाफिज मोहम्मद कासिम, मौलाना आसिम अब्दुल्ला बेंगलुरु आदि विशेष रहे। बैठक में केंद्रीय कार्यालय से मौलाना जियाउल्लाह कासमी, मौलाना शोएब, मौलाना अजीमुल्लाह कासमी, मौलाना अबू बकर, मौलाना नसीम ने उपस्थिति दर्ज कराई। मौलाना मुफ्ती अबू बक्र इब्न मुफ्ती मोहम्मद सलमान मंसूरपुरी, कारी नजीब भागलपुरी और मौलाना अब्दुल हक रसूलपुरी ने शुक्रिया अदा किया। मौलाना अब्दुल रब आजमी ने मुल्क और मिल्लत की तरक्की की दुआ की। मौलाना कारी अहमद अब्दुल्लाह ने जमीअत का तराना प्रस्तुत किया। दारुल उलूम जकारिया के मोहतमिम मौलाना सलीम कासमी ने जमीअत उलमा हिंद के अध्यक्ष का स्वागत किया।

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