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शर्मनाक कृत्य : रक्षा करने वाले ही काट रहे गोमाता का गला, बजरंग दल जिला प्रमुख समेत 4 गिरफ्तार

Shameful act: Those protecting it are slitting the throat of cow, 4 arrested including Bajrang Dal district chief

31 जनवरी 24, मुरादाबाद। हिंदू संगठनों के नेताओं का लगातार दोहरा चरित्र सामने आ रहा है। गोमाता की रक्षा के नाम पर आंदोलन करने वाले ही गोहत्या और गोतस्करी के मामले में आरोपी बन रहे हैं। बरेली में करणी सेना के जिलाध्यक्ष के गोहत्या कराने के मामले के खुलासे के बाद अब बजरंग दल के जिला प्रमुख गोहत्या में फंसे हैं। एसएसपी हेमराज मीणा के निर्देशन में हुई जांच में बजरंग दल के जिलाप्रमुख सुमित उर्फ मोनू विश्नोई गोकशी का मुख्य आरोपी निकला है। हैरानी की बात यह है कि इन्होंने गोकशी का खुलासा करने के लिए थाने पर प्रदर्शन भी किया था।

थानाध्यक्ष पर दबाव बनाने का षड़यंत्र

मामला कुछ यूं है की बीती 16 जनवरी को थाना छजलेट इलाके के कावड़ पथ पर गोवंश के अवशेष मिले थे। दूसरी घटना भी थाना छाजलेट के ग्राम चेतराम में 28 जनवरी में हुई जहां गोवंश पड़ा हुआ मिला था। पुलिस को दोनो ही घटनाओं की सूचना बजरंग दल कार्यकर्ता द्वारा दी गई थी। यही नहीं गोहत्या का खुलासा नहीं होने और नोनू विशनोई के नेतृत्व में थाने पर प्रदर्श किया गया था और पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का आरोप लगाया था। एसएसपी ने मामले के खुलासे के लिए टीम का गठन किया था। शुरुआती जांच में दोनो घटनाएं संदिग्ध मिलीं जिसपर पुलिस ने आपरेशन पॉसिबल के तहत घटनाओं की बारीकी से जांच की। पुलिस ने सूचना देने वाले व्यक्ति से पूछताछ की। घटनास्थल पर मिले कपड़े, पर्स और मोबाइल नंबर को सर्विलांस की मदद से ट्रेस किया गया तो मामले का खुलासा परत दर परत हो गया। एसएसपी हेमराज मीणा ने बताया की एसपी देहात संदीप कुमार मीना के नेतृत्व में चार आरोपियों शहाबुद्दीन पुत्र मुजफ्फर हुसैन, ग्राम चेतरामपुर थाना छजलैट, रमन चौधरी थाना छजलैट, मुख्य आरोपी मोनू विश्नोई उर्फ सुमित निवासी रसूलपुर गुज्जर थाना कांठ व राजीव चौधरी थाना छजलैट का रहने वाले है। एसएसपी ने बताया की गो हत्या की दोनों घटनाएं संदिग्ध मालूम हो रही थी। घटना की सूचना और अन्य गतिविधियों से प्रतीत हो रहा था की ये घटनाएं प्लानिंग के तहत अंजाम दी गई हैं।

एसएसपी मुरादाबाद हेमराज मीणा।

रंजिशन एक को फंसाने की कोशिश 

एसएसपी के मुताबिक 28 तारीख वाली घटना में घटनास्थल पर एक पर्स, लोअर और मोबाइल नंबर मिला। पुलिस ने नंबर से बातचीत की तो मालूम हुआ की उस व्यक्ति की गांव में शहादुद्दीन और जमशेद से पुरानी रंजिश है। जमश्ेद को जेल भिजवाने के लिए मुख्य आरोपी मोनू विश्नोई, रमन चौधरी और राजीव चौधरी ने षड़यंत्र रचा था। उन्होंने बताया कि आारोपी पुलिस पर दबाव बनाकर अनैतिक कार्य कराना चाहते हैं। इन तीनों आरोपियों के पूर्व में भी अपराधिक रिकॉर्ड दर्ज हैं। मोनू विश्नोई ने थाने के बाहर मारपीट की थी जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। जेल से बाहर आने पर दोबारा अपने काम कराने के लिए पुलिस पर दबाव बनाने लगे थे। इन्होंने पुलिस पर दबा बनाने के लिए नईम नाम के आरोपी को दो हजार रुपये देकर गाय के अवशेष लाने को कहा गया। गाय के अवशेष जंगल में फेंक दिए गए और शहाबुद्दीन और जमशेद से कहा की अपने विपक्षियों का नाम लिखवा दें। जिसके बाद फिल्मी अंदाज में सीन क्रिएट किया गया और पर्स, मोबाइल नंबर और लोअर वहां डाला गया। एसएसपी ने बताया कि दो अन्य आरोपी फरार हैं जिनपर इनाम घोषित किया गया है जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। याद रहे कि 13 जनवरी को बरेली के भोजीपुरा पुलिस ने मुठभेड़ के बाद सईद सुलतानी निवासी सनईया मेवाकुंवर थाना सीबीगंज, करणी सेना गौ रक्षा महानगर अध्यक्ष देवेंद्र कुमार निवासी डीआरएम आफिस के सामने रेलवे कॉलोनी थाना इज्जत नगर व अकरम मोहल्ला रहपुरा चौधरी थाना इज्जत नगर को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया था कि करणी सेना के जिलाध्यक्ष राहुल सिंह ठाकुर और चांद उर्फ अजय निवासी तिलियापुर थाना सीबीगंज के साथ मिलकर गोकशी कराते हैं।

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