
20 अगस्त 24, मुरादाबाद। यूपी से दस हजार श्रमिकों को इजरायल भेजे जाने के विरोध में कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग ने प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया है। कांग्रेसियों का आारोप है कि युद्धग्रस्त इजराइल में भारतीय नागरिकों को भेजना मौत के मुंह में धकेलने जैसा है। उन्होंने सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए तत्काल इसे वापस लेने की मांग की है।

सरकार वापस ले अपना निर्णय
जिलाधिकारी कार्यालय पर नारेबाजी करते हुए यूपी कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के नेताओं ने कहा है कि उत्तर प्रदेश से दस हजार मजदूरों को युद्ध प्रभावित इजराइल भेजने का ैसला जनविरोधी है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश के हर जिले में आंदोलन किया जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि इजराइल में युद्ध चल रहा है। हमारे देश के श्रमिकों की जान जोखिम में डाली जा रही है, जो बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इजराइल और फिलिस्तीन के बीच इस युद्ध में कई अन्य देश भी उनकी मदद कर रहे हैं। जिसके कारण यह युद्ध दिन-ब-दिन भयानक रूप लेता जा रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश से मजदूरों को वहां काम करने के लिए भेजना उनकी जान से खिलवाड़ करने जैसा है।उन्होंने कहा कि हम सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि खराब हो सकती है। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बेरोजगार श्रमिकों को अपने देश में रोजगार दे। सरकार अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है। उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर भारत से भेजे गए मजदूरों की जान को कोई खतरा होता है तो क्या सरकार इसकी जिम्मेदारी लेगी? उन्होंने सरकार से श्रमिकों को इजराइल भेजने का फैसला वापस लेने का आग्रह किया है। इस मौके पर अफजल साबरी, हाजी इकराम कुरैशी, असलम खुर्शीद, राजेंद्र वाल्मीकी, पार्षद जुनैद, भयंकर सिंह, इरशाद हुसैन महानगर चैयरमैन, मोहतसिम मुख्तार, मंगल सेन, सलाउद्दीन अली खा, मोहम्मद नाजिम, शमशेर पार्षद,बाबर सैफी, शकील, दानिश अंसारी, मुख्तार सैफी, मोहम्मद अनवर आदि मौजूद रहे।