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सलाम शमी : जानिये धनाभाव व चुनौतियों से जूझते गांव के छोरे की आसमान तक पहुंचने की कहानी

Salaam Shami: Know the story of a village boy struggling with lack of money and challenges, reaching the sky

09 जनवरी 24, मुरादाबाद। कभी जिले का हिस्सा होने वाले अमरोहा के गांव में जन्म लेने वाले मोहम्मद शमी कड़ी मेहनत और लगन के कारण आज आसमान पर है। वह युवाओं के लिए प्रेरणा है और देश का अभिमान होने के साथ अपने वालिद-ए-मोहतरम के ख्वाबों को पूरा करने वाला होनहाल बेटा भी। उसकी खूबी है कि हमेशा सकारात्मक सोच रखने के सथ वह आलोचकों को अपनी गेंद से जवाब देता है। प्रतिभा की पहचान करते हुए मंगलवार को महामहिम द्रोपदी मुर्मु ने तेज गंदबाज मोहम्मद शमी को अर्जुन अवार्ड से नवाजा है।

गांगुली और देवव्रत ने किया सहयोग

दरअसल मोहम्मद शमी की गेंदों ने पिछले वर्ल्ड कप में आग उगली है। विरोधी टीमों में शमी की रिवर्स स्विंग का खौफ देखा गया है। बताया जाता है कि मोहम्मद शमी के पिता तौसीफ अली क्रिकेट के दीवाने थे और तेज गेंदबाजी करते थे। प्रशंसक उन्हें प्रोफेशनल क्रिकेट की ट्रेनिंग लेने की सलाह देते थे, लेकिन समस्या थी पैसों की। पिता के शौक के कारण उनके पांचों बेटे क्रिकेट से लगाव रखते थे। शमी के पहले प्रशिक्षक भी उनके अब्बू ही रहे। तौसीफ अली बेटे के सपने को पूरा करने के लिए जुट गए और खेत में ही विकेट तैयार कर दिया। शमी को गेंदबाजी के गुर सिखाने के लिए उन्होंने अपनी जमीन बेची और मुरादाबाद की एक एकेडमी में बेटे का दाखिला करा दिया। यहां उन्हें कोच बदरुद्दीन का साथ मिला। यूपी टीम में सलेक्शन नहीं होने पर शमी निराश नहीं हुए और उन्होंने अपनी दिशा बदली कोलकाता का रुख किया। आर्थिक तंगी के दौर में उन्हें बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के तत्कलीन उप सचिव देवव्रत दास का साथ मिला। एक मैच में मोहम्मद शमी को गेंदबाजी करते हुए देखकर देवव्रत दास बेहद प्रभावित हुए और शमी की परेशानी को समझते हुए अपने घर रहने का आमंत्रण दिया। देवव्रत ने ही बंगाल के चयनकर्ता को शमी की गेदबाजी दिखाई। चयनकर्ता बेहद प्रभावित हुए और मोहन बागान क्रिकेट क्लब ज्वाइन करने की सलाह दी जिसे शमी ने स्वीकार कर लिया। क्लब में गेदबाजी करते हुए मोहम्मद शमी को सौरव गांगुली ने देखा तो दादा खुश हो गए।

तमाम आरोपों से घिरे और बरी हुए

सफलता के शिखर पर चढ़ते शमी को जैसे किसी की नजर लग गई। छह जून 2014 को निकाह के बाद 2015 में मोहम्मद शमी को एक प्यारी बेटी हुई। जिंदगी में सब सही चल रहा था, तभी बीवी हसीन जहां ने मोहम्मद शमी पर बहुत से घिनौने आरोप लगाए। दहेज उत्पीड़न, मारपीट, दूसरी औरतों के साथ नाजायज संबंध और पाकिस्तानी नागरिक से पैसे लेने जैसे आरोप। मोहम्मद शमी ने अनेक संकट सहे लेकिन इमानदारी से डटे रहे। मीडिया भी खिलाफ हो गया, लेकिन शमी को चाहने वाले उसके साथ खड़े रहे। इसमें सबसे अहम नाम है सौरव गांगुली का। आखिरकार एंटी करप्शन यूनिट ने मोहम्मद शमी को निर्दोष पाया और फिर उनका सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट बहाल कर दिया गया। याद रहे कि मोहम्मद शमी को 2010-11 के बंगाल की रणजी टीम में शामिल किया गया था और छह जनवरी 2013 को मोहम्मद शमी ने इंडियन टीम की जर्सी पहनी। कोच बदरुद्दीन ने बताया कि मोहम्मद शमी ने एकेडमी में आने पर जब गेंदबाजी शुरू की एकेडमी के दिग्गज बल्लेबाज घुटने टेकते चले गए। उनकी प्रतिभा और मेहनत को देखते हुए उन्होंने मोहम्मद शमी को शागिर्द बना लिया। वह कहते हैं कि उन्हें शमी पर गर्व है, प्रत्येक भारतीय को शमी पर गर्व है। इसलिए एक सलाम को बनता है।

इन खिलड़ियों को मिले अवार्ड

चिराग शेट्टी (बैडमिंटन) और सात्विकसाईराज रंकी रेड्डी (बैडमिंटन) को खेल रत्न के साथ अर्जुन अवार्ड पाने में वाले हंैं ओजस प्रवीण देवताले (तीरंदाजी), अदिति गोपीचंद स्वामी (तीरंदाजी), श्रीशंकर (एथलेटिक्स), पारुल चौधरी (एथलेटिक्स), मोहम्मद हुसामुद्दीन (बॉक्सर), आर. वैशाली (शतरंज), मोहम्मद शमी (क्रिकेट), अनुश अग्रवाल (घुड़सवारी), दिव्यकृति सिंह (घुड़सवारी ड्रेसेज), दीक्षा डागर (गोल्फ), कृष्ण बहादुर पाठक (हॉकी), सुशीला चानु (हॉकी), पवन कुमार (कबड्डी), रितु नेगी (कबड्डी), नसरीन (खो-खो), पिंकी (लॉन बॉल्स), ऐश्वर्या प्रताप सिंह तोमर (शूटिंग), ईशा सिंह (शूटिंग), हरिंदर पाल सिंह (स्क्वैश), अयहिका मुखर्जी (टेबल टेनिस), सुनील कुमार (रेसलिंग), अंतिम (रेसलिंग), रोशीबिना देवी (वुशु), शीतल देवी (पैरा आर्चरी), अजय कुमार (ब्लाइंड क्रिकेट), प्राची यादव (पैरा कैनोइंग)।

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