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निर्यात बढ़ाने पर मंथन : बोले मंत्री नंदी-प्रदेश सरकार निर्यातकों को हरसंभव सहयोग देने को तैयार

Brainstorming on increasing the exports of UP: Minister Nandi said, the state government is ready to provide all possible support to the exporters.

05 जनवरी 24, मुरादाबाद। हस्तश्ल्पि निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईपीसएच) ने उत्तर प्रदेश का हस्तशिल्प निर्यात बढ़ाने के लिए निर्यात प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी समेत तमाम विभागों के आला अधिकारियों के साथ मंधन किया। प्रदेश सरकार जहां प्रदेश का बजट एक ट्रिलियन करने का लक्ष्य वहीं ईपीसीएच देश के हस्तशिल्प निर्यात को वर्ष 2030 तक तीन गुना करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इस मौके पर निर्यात मंत्री नंद गोपाल ने निर्यात बढ़ाने के लिए हरसंभव सहयोग करने का भरोसा जताया है।

अर्थव्यवस्था बनानी है तीन ट्रिलियन की

मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने निर्यात लक्ष्य के बारे में बात की और कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा रुपये के वर्तमान स्तर से अगले तीन वर्षों में एक लाख करोड़ से तीन लाख करोड़ रुपये प्राप्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने उस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में व्यापार और उद्योग को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने राज्य की एक ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के माननीय मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण और उस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में उठाए गए विभिन्न कदमों की जानकारी दी। उन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर प्रकाश डाला। अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग ने वैश्विक प्रमुखों के कारण देश और उत्तर प्रदेश से निर्यात के संबंध में मौजूदा चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर मंत्री द्वारा निर्यात पुरस्कार भी वितरित किए गए।

राकेश बोले-ई-कामर्स जरूरी

इस मौके पर ईपीसीएच के मुख्य संरक्षक डॉ. राकेश कुमार ई-कॉमर्स, ओमनी-चैनल निर्यात के उभरते परिदृश्य और व्यापार के भविष्य को आकार देने में थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स (3 पीएल) की भूमिका पर अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने साझा किया कि ईकॉमर्स क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है और भारत के पास इस प्रवृत्ति का लाभ उठाने का जबरदस्त अवसर हंै। डॉ. कुमार ने निर्यात के लिए ओमनी-चैनल रणनीतियों को अपनाने के महत्व पर प्रकाश डाला, जिससे व्यवसायों को ग्राहक अनुभव को बढ़ाने और व्यापक दर्शकों तक पहुंचने के लिए आॅनलाइन और आफलाइन चैनलों को सहजता से एकीकृत करने की अनुमति मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि लॉजिस्टिक्स को अनुकूलित करने, लागत कम करने और समग्र परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए विश्वसनीय 3-पीएल प्रदाताओं के साथ रणनीतिक साझेदारी की आवश्यकता है। निर्यातक अवधेश अग्रवाल ने यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में भूमि की कीमतों में 30 फीसद की छूट पर एक हस्तशिल्प पार्क की स्थापना पर जोर दिया। सहारनपुर वुड कार्विंग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के महासचिव मोहम्मद औसाफ ने बताया कि हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए सब्सिडी वाला कच्चा माल उपलब्ध कराया जाएग्, ताकि निर्यातक अपने उत्पाद की कीमत चीन की तुलना में प्रतिस्पर्धी बना सकें। इपीसीएच के अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक राजेश रावत उत्तर प्रदेश की क्षमता और वैश्विक बाजार में भारत की हस्तशिल्प स्थिति को मजबूत करने की दिशा में इसके निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला।

रणनीति बनाने में जुटे यह अधिकारी

ईपीसीएच ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई, निवेश प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ के साथ बैठक करके प्रदेश के हस्तशिल्प निर्यात वाले क्षेत्र के मुद्दों को उठाया है। इस मौके पर हस्तशिल्प निर्यात संवर्द्धन समेत विभिन्न निर्यात संवर्द्धन के प्रतिनिधि शमिल हे। बैठक में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अमित मोहन प्रसाद, अतिरिक्त मुख्य सचिव, एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन, अनिल सागर, प्रमुख सचिव अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास विभाग, प्रांजल यादव, सचिव एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन, नितीश सूरी संयुक्त डीजीएफटी, अमित कुमार, संयुक्त डीजीएफटी, ईपीसीएच के मुख्य संरक्षक डॉ. राकेश कुमार,निर्यातकगण नीरज खन्ना, अवधेश अग्रवाल, रजत अस्थाना, मोहम्मद औसाफ, अनवर अहमद, विशाल अग्रवाल, राजेश जैन, अनुराग मित्तल, राजेश रावत आादि शमिल रहे।

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