03 जनवरी 24, मुरादाबाद। चालकों की देशव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन ही शहर में पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल खत्म होने की अफवाह तेजी से फैली और बाइक व कार चालकों की भीड़ पंपों पर उमड़ पड़ी। शाम से श्ुरू हुआ यह सिलसिला रात तक चलता रहा। पंपों पर जुटी भीड़ और पेट्रोल लेने की होड़ में अप्रिय घटना होने की आशंका के मद्देनजर पुलिस बल तैनात किया गया। पंपों पर जुटी भीड़ का फायदा उठाते हुए कुछ पंपों पर 160 रुपये लीटर तक पेट्रोल बेचा गया वो भी बकायदा पंप पर 160 रुपये लीटर पेट्रोल का रेट लिखने के साथ। रात दस बजे तक पंपों पर भीड़ देखी गई है। इस बीच केंद्र सरकार के प्रतिनिधि और ट्रांसपोर्टर्स कांग्रेस प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता के बाद रात दस बजे के बाद हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया गया है।
अफवाह से निपटने को पुख्ता इंतजाम जरूरी
दरअसल, मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में पंपों पर पेट्रोल खत्म होने की खबरें आयी हैं। वहां टैंकर चालक भी हड़ताल कर रहे हैं। इसी दौरान मंगलवार दोपहर बाद शहर में भी पेट्रोल को लेकर मारामारी मच गई। दोपहर बाद पंपों पर लगने वाली भीड़ रात तक जमी रही। पंपों पर भीड़ की खबर मिलने पर सभी पंपों पर पुलिस बल तैनात किया गया। पुलिस अधिकारियों ने भी शहर का भ्रमण करके स्थिति का जायजा लिया। रात होने पर पंप कर्मियों ने भी भीड़ का फायदा उठाना श्ुरू कर दिया और शहर में करूला, रामपुर मार्ग आदि कई पंपों पर 160 रुपये लीटर पेट्रोल बेचने की जानकारी मिली है। सोशल मीडिया पर पंप पर 160 रुपये लीटर पेट्रोल के फोटो भी वायरल होने लगे हैं। कई पंपों पर पेट्रोल पंप रोजाना खोले जाएंगे और पेट्रोल की बिक्री की जाएगी इसलिए आप घबराए नहीं और जरूरत से अधिक पेट्रोल नहीं खरीदें का उद्घोष भी होता देखा गया। प्रशासन की अफवाह से निपटने की मशक्कत और पंपों की उदघोषणा का पब्लिक पर कोई असर नहीं हुआ। हालत यह रही लोग ब्लैक में पेट्रोल खरीदते देखे गए। यह साफ हो गया कि अफवाह के कारण पेट्रोल को लेकर मची मारामारी से प्रशासन को अफवाह पर नियंत्रण की व्यवस्था को और मजबूत करना होगा।
कार्य पर लौटने लगे हड़ताली चालक
दूसरी तरफ हड़ताल खत् कराने के लिए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन प्रतिनिधियों की लंबी बैठक हुई। बैठक में तय किया गया कि हिट एंड रन केस का संशोधन अभी लागू नहीं किया है और इसे आगे भी लागू नहीं किया जाएगा। इसके लिए ट्रांसपोर्ट प्रतिनिधियों से विचार विमर्श करके ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। जाएगा। उन्होंने साफ किया है कि चालक को दस साल की सजा और सात लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान लागू नहीं होगा। केंद्रीय गृह सचिव के ऐलान के बाद ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने स्ड्राइवर बंधुओं से काम पर लौटने की अपील की। हड़ताल वापसी के ऐलान के बाद चालक अपने कार्य पर लौटने लगे हैं।