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ड्रैगन फ्रूट : महंगा विदेशी फल अब पैदा होगा आपके घर के गमले में, जानिये तरीका

Dragon Fruit: Expensive foreign fruit will now grow in a pot in your home, know the method

14 अक्टूबर 23, मुरादाबाद। ड्रैगन फ्रूट यानी कमलम थाइलैंड, वियतनाम और श्रीलंका में लोकप्रिय हैं। विदेशी फल में कई पोषक गुण होने के कारण यह भारत मेंं भी खूब खरीदा जा रहा है, मगर महंगा होने के कारण यह फल आम आदमी और मध्यम परिवारों की पहुंच से दूर ही है। ड्रैगन फ्रूट की मांग बढ़ने पर देश में इसकी खेती होने लगी है। गुजरात के बाद अब यूपी में इसकी खेती की जाने लगी है। गुजरात सरकार ने इसका नाम कमलम कर दिया है। बताया जाता है कि मधुमेह, कार्डियो-वैस्कुलर और अन्य तनाव संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए ड्रैगन फ्रूट बहुत फायदेमंद है।

ड्रैगन फ्रूट के स्वाथ्य लाभ

दरअसल, ड्रैगन फ्रूट कॉलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करता है तथा डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद है। फाइबर युक्त होने के कारण आपके शरीर में जरूरी पोषक तत्व की कमियों को पूरा करता है। इसके सेवन से कार्डियो वैस्कुलर रोग (सीवीडी) होने का खतरा काम हो जाता है। हार्ट अटैक जैसे गंभीर रोगों से बचाव करता है। इसमें एंटीअक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। पोटैशियम और विटामिन सी भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। ड्रैगन फ्रूट तीन तरह के होते हैं जिसमें सफेद गुदे वाला लाल रंग का फल, सफेद गुदे वाला पीले रंग का फल व लाल गुदे वाला लाल रंग का फल।

ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का तरीका

जानकार मानते हैं कि मौसम के अनूकूल रहने वाले ड्रैगन फ्रूट की खेती की तरफ किसानों का रुझान लगातार बढ़ रहा है। वर्षा की अनियमितता से फसल खराब होने की आशंका को देखते हुए कई किसानों ने ड्रैगन फ्रूट की खेती की ओर रुख किया है। यह बारिश नहीं होने तथा खराब मिट्टी में भी हो सकता है। ड्रैगन फ्रूट में हीलिंग के अच्छे गुण होते हैं। ड्रैगन फ्री के पौधे बाजार में मिलते हैं। कीमत इस पर निर्भर करती है कि पौधा कितना पुराना है। तीन साल पुराने पौधे लगाने पर आपको उपज जल्दी मिलती है। ड्रैगन फ्रूट के पौधे जून से अगस्त तक गर्म और आर्द्र वातावरण में प्रत्यारोपण कर सकते हैं। ड्रैगन फ्रूट की खेती एवं अच्छी उत्पादकता के लिए 20 से 30 डिग्री तापमान उपयुक्त माना जाता है। कैक्टस बेल होने के कारण यह कम पानी में भी अच्छा उत्पादकता देती है। इसे 50 सेंमी वार्षिक औसतन के दर से वर्षा की जरूरत होती है। बहुत अधिक सूर्य की रोशनी ड्रैगन फ्रूट के पौधे का नुकसान पहुंचा सकती है ऐसे इलाके में इसकी खेती छायादार जगह पर करें।

सम्भल में ड्रैगन फ्रूट की खेती

सम्भल के मियां सराय में रहने वाले डॉ. शेख इकबाल अहमद ने ड्रैगन फ्रूट को गमले में उगाने का तरीका विकसित किया है। याद रहे कि इकबाल अहमद खेती में लगातार नए प्रयोग करते रहते हैं और इससे पहले सम्भल में स्ट्राबैरी, नीलकंठ आलू, नौबहार आम, बाबी खरबूज व पीला तरबूज की खेती कर चुके हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह कृषि एवं प्रौद्यौगिकी विश्व विद्यालय पंत नगर में हुए किसान मेले में शिरकत की और गमले में उगाये गए ड्रैगन फ्रूट का प्रदर्शन किया। उत्तराखंड के राज्यपाल महामहिम गरमीत सिंह ने मेले का उद्घाटन किया है। इकबाल अहमद ने ड्रैगन फ्रूट का पौधा महामहिम को भेंट किया। उल्लेखनीय है कि यूपी में बुखार बढ़ने से ड्रैगन फ्रूट की मांग बढ़ी है।

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