24 सितंबर 23, मुरादाबाद। ब्रह्मांड में ग्रहों की गतिविधियों से मानव जीवन प्रभावित होता रहता है। कुछ ऐसा ही 28 अक्टूबर की आधी रात में 23 को होने जा रहा है। जी हां, 28 अक्टूबर की आधी रात को चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। मेष राशि रेवती नक्षत्र पर लग रहे इस चंद्रग्रहण से किसको सावधान रहना है और क्या नहीं करना है यह बता रहे हैं मानव कल्याण मिशन के संस्थापक स्वामी अनिल भंवर।
पूरी दुनिया में दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
अनिल भंवर ने बताया कि 28 अक्टूबर आश्विन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा शनिवार को चन्द्र ग्रहण लगेगा। चंद्र ग्रहण रात्रि 1 बजकर 5 मिनट से शुरू होगा और 2 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा। उन्होंने बताया कि ग्रहण में चंद्रमा की दक्षिण कोर मामूली रूप से ग्रसित होगी। यह ग्रहण भारत के अलावा श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान, चीन, मंगोलिया, कजाकिस्तान, रूस, ईरान, इराक, साऊदी अरब, सूडान, तुर्की, नाईजीरिया, अल्जीरिया, दक्षिण अफ्रीका, जर्मन, पोलेंड, यूक्रेन, फ्रांस, इटली, स्पेन, ब्रिटेन, नार्वे, स्वीडन समेत पूरा यूरोप, थाईलेंड, मलेशिया, फिलीपींस, इण्डोनेशिया, आस्ट्रेलिया, जापान, कोरिया और ब्राजील के पूर्वी हिस्से आदि में दिखाई देगा।
शाम को बंद होंगे मंदिर के कपाट
स्वामी के मुताबिक ग्रहण का सूतक काल 28 अक्टूबर को सायं 4 बजकर 5 मिनट से शुरू हो जाएगा। इस लिए मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए बंद रहेंगे। शास्त्रानुसार सूतक के दौरान भोजन बनाना और ग्रहण करना वर्जित है। इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि इस दौरान आकाश से पृथ्वी पर प्रदूषित किरणें आती है जिससे भोजन प्रदूषित होने से स्वास्थ पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि वृद्धजनों और रोगग्रस्त लोगों पर सूतक का प्रतिबंध नहीं है। जिन महिलाओं के उदर में शिशु पल रहा हो उन्हें चाकू से फल सब्जी , कैंची से वस्त्र नहीं काटने चाहिए। ग्रहण के दौरान ईश्वर की आराधना करें। उन्होंने बताया कि ग्रहण से पूर्व स्नान करें और ग्रहण के समय हवन करें, ग्रहण पूर्ण होने पर स्नान करके दान करने से विशेष फल मिलता है। चंद्रग्रण के का राशियों पर ऐसा प्रभाव होना है जिसमें मेष नेष्ट, वृषभ मध्यम, मिथुन श्रेष्ठ, कर्क नेष्ट, सिंह श्रेष्ठ, कन्या मध्यम, तुला श्रेष्ठ, वृश्चिक नेष्ट, धनु श्रेष्ठ, मकर श्रेष्ठ, कुंभ मध्यम, मीन नेष्ट।