13 सितंबर 23, रामपुर। भाजपा सरकार के निशाने पर आए आजम खां के रामपुर स्थित आवास व मोम्मद अली जौहर ट्रस्ट से जुड़े लोगों के घरों पर बुधवार को आायकर विभाग ने छापेमारी की है। रामपुर समेत मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, सीतापुर, लखनऊ, मध्यप्रदेश में हुई छापेमारी के बाद जौहर ट्रस्ट चर्चा में हैं। ट्रस्ट के चंदे में आयकर चोरी का मुद्दा रामपुर विधायक अशोक सक्सेना ने उठाया है। उन्होंने जो आंकड़े वित्त मंत्रालय को उपलब्ध कराए हैं उससे साफ होता है कि आजम खां को सत्ता के दौरान करोड़ों का चंदा मिला, जबकि सत्ता से बेदखल होने के बाद बहुत कम चंदा ही मिल सका।
यूपी और मध्य प्रदेश में छापेमारी
याद रहे कि बुधवार सुबह करीब छह बजे आयकर विभाग की टीम आजम खां के आवास पर पहुंची थी। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि रामपुर के अलावा आजम खां के मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, सीतापुर, लखनऊ तथा मध्य प्रदेश के ट्रस्टी के आवास व कार्यालयों में आयकर विभाग की टीमें छापेमारी कर रही हैं। आयकर विभाग की टीम जब आजम खां के आवास पर पहुंची तो वह परिवार के साथ घर पर थे। छापेमार टीम के साथ केंद्रीय सुरक्षा बल भी मौजूद है। आयकर विभाग की टीमें जौहर विश्वविद्यालय ट्रस्ट के खातों की जांच कर रही है। ट्रस्ट से जुड़े नसीर खां, के साथ जौहर विश्वविद्यालय आदि में आायकर टीमें खातों की जांच कर रही हैं। गौरतलब है कि सपा नेता आजम खान 10 बार रामपुर से विधायक रहे हैं और दो बार सांसद भी रह चुके हैं। उनकी पत्नी तजीन फातिमा भी सांसद रहीं हैं और बेटा अब्दुल्लाह आजम भी स्वार सीट से पूर्व विधायक है। जौहर यूनिवर्सिटी को बनाने में उन पर कई आरोप लगे हैं और करीब 90 मुकदमें भी आजम खान पर चल रहे हैं। खबर मिली है कि ट्रस्ट में शामिल नौ लोगों के अलावा गाजियाबाद में एकता कौशिक के आवास पर भी रेड हुई है।
ये है ट्रस्ट को मिले चंदे की डिटेल
मौलाना मोम्मद अली जौहर ट्रस्ट में आजम खां आजीवन अध्यक्ष, लखनऊ के मुश्ताक सिद्दीकी उपाध्यक्ष, तजीम फातिमा सचिव, नसीर अहमद खां सहसचिव, निकहत अफलाक कोषाध्यक्ष, अदीब आजम खां सदस्य, विदिशा मध्यप्रदेश के मुनव्वर सलीम सदस्य, अब्दुल्ला आजम खां सदस्य, सलीम कासिम सदस्य हैं। विधायक अशोक सक्सेना ने शिकायत में कहा है कि सपा की सत्ता के दौरान वर्ष 2002-03 से 2007-08 में 975.98 लाख रुपये तथा वर्ष 2012-13 से 2016-17 में 4007.93 करोड़ का चंदा मिला है। जबकि सपा की सत्ता नहीं होने पर वर्ष 1995-96 से 2001-02 तक 3.11 लाख व 2008-09 से 2011-12 तक 106.79 लाख का चंदा ही मिला है। आरोप है कि करोड़ों का चंदा देने वालों में वह नाम भी शामिल हैं जो आयकर नहीं देते हैं। माना जा रहा है कि इसी शिाकायत के आधार पर आयकर विभाग ने छापेमारी की है। जाहिर है कि अब मोटा चंदा देने वालों के खाते भी खंगाले जाएंगे।