13 सितंबर 23, मुरादाबाद। बाढ़ और जलभराव को लेकर अब राहत भरी खबर आयी है। कई दिन से रातें जागकर गुजारने वाले लोग अब चैन की नींद सो सकेंगे। जी हां, गांवों में फसलों को बर्बाद करने और खादर के इलाकों में दहशत फैलाने वाली रामगंगा का जलस्तर अब उतरने लगा है। हालांकि बुधवार दोपहर तक जलस्तर लगातार बढ़ने से डिलारी के कई गांवों में पानी आबादी तक पहुंच गया। इसी तरह शहर से सटे ताजपुर में बाढ़ का पानी घुस गया है। याद रहे कि बीती आधी रात को रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था।
अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है पानी
रामगंगा बुधवार सुबह को खतरे के निशान के ऊपर पहुंचने से पानी जामा मस्जिद पार्क में घुस गया था जिससे आसपास के बाशिंदों की चिंता बढ़ गई थी। इसके साथ ही ताजपुर की गलियों के बाद पानी मुख्य सड़क पर बहने लगा था। बताते हैं कि खो बैराज और कालागढ़ डाम से पानी छोड़े जाने के कारण रामगंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था। सोमवार शाम को रामगंगा का जलस्तर 190.13 था जो मंगलवार शाम सात बजे बढ़कर 190.53 हो गया है और रात नौ बजे रामगंगा का जलस्तर 190.58 पर और रात 12 बजे 190.66 पर पहुंच गया था, जो खतरे के निशान से अधिक है। बुधवार सुबह आठ बजे रामगंगा का जलस्तर 190.72 पर पहुंचने से ताजपुर मार्ग पर पेट्रोल पंप के पीछे तथा जिम वाली गली में जलभराव हो गया है। पाम व्यू बैंक्वेट हाल के पीछे की तरफ बसे मुहल्लों में भी जलभराव देखा गया है। रात करीब दस बजे से ताजपुर की मेन सड़क पर पानी आने लगा था। शाम तक सड़क पर जलभराव रहने की जानकारी मिली है। बुधवार सुबह को लोगों को पानी से निकल कर काम पर जाना पड़ा है। मंगलवार रात को जामा मस्जिद पार्क में भी पानी आा गया था जो बुधवार की सुबह और बढ़ गया। वारसी नगर गली नंबर सात में नाला फुल होने से क्षेत्रवासियों की चिंता बढ़ गई थी। वारसी नगर और ताजपुर में बाढ़ की आशंका के चलते अपनी रिश्तेदारी में चले गए थे। रामगंगा का जलस्तर शाम से घटना शुरू हुआ और पांच बजे 190.71 पर तथा रात आठ बजे 190.66 तक उतर गया।
बह गया रपटा नदी का पुल
रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के गांव हसन घड़ी, महदूद कलमी, कुमरिया जुमला आदि की आबादी में पानी घुस गया। बाढ़ का पानी आने से चार गांव को जोड़ने वाला रपटा नदी का पुल टूटने से यातायात बाधित हो गया। चौधरी इमरान और अबरार ने बताया कि लगभग एक किलोमीटर कच्ची पिचिंग लग जाए तो बाढ़ का पानी आबादी में नहीं घुसेगा। बाढ़ से नुकसान के बाद भी सरकारी तंत्र पिचिंग नहीं लगा रहा है। शमशेर, इरफान, अनवर ने बताया कि बाढ़ का अपनी आबादी और जंगल में घुसने से पशुओं के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है। मारूफ, उस्मान शाह, आरिफ, राजवीर गुर्जर, महावीर गुर्जर, विजेंद्र गुर्जर, दिनेश सैनी, राकेश वाल्मीकि आदि ने बताया कि पानी भरने से मच्छर पनप रहे और चारों गांवों में डेंगू फैल रहा है। जलभराव के कारण स्वास्थ्य विभाग की टीकाकरण टीम नहीं पहुंची है। मरीजों की हालत बिगड़ने पर बाइक से अस्पताल तक ले जाना पड़ रहा है। इसके अलावा खादर क्षेत्र के मुस्तफापुर, चटकाली, बढेरा, सलेम सराय, मलकपुर सेमली, दरियापुर आदि बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।