खतरे तक पहुंची रामगंगा : ताजपुर की गलियों में बाढ़, शहर की आबादी से टकराया पानी
Ramganga reaches danger: Flood in the streets of Tajpur, water hits the city's population
12 सितंबर 23, मुरादाबाद। पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश के बाद रामगंगा में छोड़ा गया पानी आने से रामगंगा मंगलवार को रामगंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। रामगंगा का पानी जामा मस्जिद समेत शहर के विभिन्न मोहल्लों के नजदीक पहुंच गया है। इसी के साथ जामा मस्जिद के पुल पार स्थित ताजपुर के कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया है। रामगंगा के बढ़ते जलस्तर को लेकर प्रशासन सतर्क है और बचाव व राहत के पर्याप्त इंतजाम कर लिए गए हैं।
अभी चढ़ रही है रामगंगा
खबरों में कहा गया है कि खो बैराज से 53000 क्यूसेक तथा हरेवली बैराज से 25000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो रामगंगा में आ रहा है। करीब 78 हजार क्यूसेक पानी आने से रामगंगा का जल स्तर खतरे लगातार बढ़ रहा है। सोमवार शाम को रामगंगा का जलस्तर 190.13 था जो मंगलवार शाम सात बजे बढ़कर 190.53 हो गया है। याद रहे कि खतरे का निशान 190.60 पर है। मंगलवार शाम को ताजपुर की नालों और नालियों से रामगंगा का पानी वापस होने लगा जिससे ताजपुर मार्ग पर पेट्रोल पंप के पीछे तथा जिम वाली गली में जलभराव हो गया है। पाम व्यू बैंक्वेट हाल के पीछे की तरफ बसे मुहल्लों में भी जलभराव देखा गया है। ताजपुर की जिम वाली गली में रहने वाले अदनान वारसी ने बताया कि सड़क के दोनों तरफ आबादी में जलभराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पानी लगातार बढ़ रहा है जिससे लोगों में भय का माहौल है। जामा मस्जिद क्षेत्र के पूर्व पार्षद सलीम वारसी ने बताया कि रामगंगा का पानी अभी आबादी में नहीं घुसा है, लेकिन आबादी से टकरा गया है।
डिलारी के गांवों में भी जलभराव
इधर बाढ़ खंड विभाग का मानना है कि रामगंगा का जलस्तर अभी और बढ़ सकता है। रात नौ बजे रामगंगा का जलस्तर 190.58 पर पहुंच गया था। इसी तरह रामगंगा के किनारे वाले मुहल्ले नवाबपुरा, लालबाग, रामगंगा विहार आदि में भी पानी आबादी के नजदीक पहुंच गया है। इसके अलावा डि लारी ब्लाक में खादर के करीब दो दर्जन गांवों के खेतों में पानी घुस गया है। गांव मलकपुर सेमली के पास संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी मंगलवार को भी जमा रहा। इसके अलावा गांव महदूद कलमी, हसन घड़ी, मुस्तफापुर, बढेरा, चटकाली, सालम सराय आदि गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बाढ़ के पानी ने अनेक गांवों में खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। किसानों का कहना है कि जल्दी ही पानी की निकासी नहीं हुई तो फसलें बर्बाद हो जाएंगी।