उत्तर प्रदेशमुरादाबादमौसम

रामगंगा उफान पर : शहर की सीमा से टकराया पानी, कई गांवों में बाढ़ आने से ग्रामीण हलकान

Ramganga owerflow : water hit the city limits, rural areas affected due to flooding in many villages

25 अगस्त 23, मुरादाबाद। पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही झमाझम बारिश का असर पीतल नगरी पर दिखाई देने लगा है। कालागढ़ डाम से छोड़ा गया पानी और पहाड़ों पर हो रही बरसात का पानी रामगंगा में आने से जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। शसर में जामा मस्जिद पार्क में रामगंगा का पानी घुस गया है जबकि आबादी की दीवारों से पानी टकरा रहा है। इसके अलावा डिलारी क्षेत्र के कई गांवों में रामगंगा का पानी खेतों में घुसने के बाद अब आबादी में एकत्र हो गया गया। जलभराव से गुस्साए ग्रामीणों ने सरकारी तंत्र के खिलाफ प्रदर्शन भी किया है।

जिगर कालोनी में गुरुवार को पानी का नजारा।

खतरे से ऊपर पहुंची रामगंगा

रामगंगा का जलस्तर श्ुक्रवार सुबह ग्यारह बजे 190.62 हो गया था। याद रहे कि रामगंगा का खतरे का निशान 190.6 पर है। शम तक पानी बढ़ता और जलस्तर 190.7 तक पहुंच गया है। जामा मस्जिद क्षेत्र के लोगों का कहना है कि पार्क में रात से रामगंगा का पानी आने लगा था। इसके अलावा वारसी नगर, बरवलान, लालबाग, नवाबपुरा, कटघर आदि क्षेत्रों में रामगंगा का पानी आबादी से सटकर चल रहा है। शाम सात बजे खबर मिली कि रामगंगा का जलस्तर कम हुआ है और 190.64 पर पहुंच गया है। रामगंगा के किनारे रहने वाले बाश्ािंदों का कहना है कि वह बाढ़ को लेकर सतर्क हैं और जरूरी सामान को सुरक्षित करने लगे हैं। बाढ़ विभाग का कहना है कि अब पानी कम होने लगा है इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है।

डिलारी के गांवों में जलभराव होने से पानी से गुजरते ग्रामीण।
डिलारी के गांवों में बाढ़ आने पर नारेबाजी करते ग्रामीण।

ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

डिलारी क्षेत्र में रामगंगा का पानी खादर क्षेत्र के गांव महदूद कलमी और हसनगढ़ी में घुस गया है। पानी आबादी में घुसने से लोगों में दहशत फैली हुई है तथा कच्चे मकानों की दीवारें गिरने की सूचना है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी गांव में घुसने से प्रतिवर्ष लाखों रुपये का नुकसान होता है। गांव महदूद कलमी, हसन घड़ी, उमरिया जुमला आदि गांवों के लोग आार्थिक तौर पर पिछड़ रहे हैं। जमशेद, इमरान चौधरी, अबरार, मुबारक, नवाब चौधरी आदि ने बताया कि प्रतिवर्ष प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से एक किलोमीटर कच्ची पिचिंग लगाने की मांग करते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। खेतों में जलभराव से पशुओं के लिए चारे का संकट भी हो रहा है। ग्रामीणों ने राहत नहीं मिलने पर सरकारी तंत्र के खिलाफ नारेबाजी भी की है। जिला प्रशासन का कहना है कि सभी बाढ़ चौकियां अलर्ट हैं और राहत सामग्री भी तैयार है। जिले में एक-दो गांवों को छोड़कर सभी जगह स्थिति सामान्य है। प्रशासन बाढ़ पर पूरी नजर रखे हुए हैं। किसी को परेशन होने की जरूरत नहीं है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button