04 अगस्त 23, नई दिल्ली। गुजरात की निचली अदालत से मानहानी मामले में दो वर्ष कारावास की सजा होने से सांसदी गंवाने वाले राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने निजली अदालत की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी है। यह रोक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तक जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कांग्रेसी सक्रिय हो गए हैं। कोर्ट के फैसले की प्रति लोकसभा स्पीकर को सौंपने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि सोमवार को राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो जाएगी और वह सदन की कार्यवाही में हिस्सा ले सकेंगे।
बयान अपमानजनक नहीं : सुप्रीम कोर्ट
याद रहे कि मानहानि मामले में राहुल गांधी को मार्च में सूरत की कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में और गुजरात हाई कोर्ट ने सात जुलाई को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को गुजरात सरकार समेत संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। दरअसल राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है। इसपर पूर्णेश मोदी ने 2019 में उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की सजा पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपील लंबित होने तक है सजा पर रोक लगाई है। खबरों में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट का तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि राहुल गांधी का बयान अपमानजनक नहीं है और निचली अदालत द्वारा अधिकतम सजा दिए जाने की वजह साफ नहीं है। फैसले के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ महासचिव व राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी के साथ सुप्रीम कोर्ट में मौजूद रहे। कांग्रेस का कहना है कि कोर्ट के फैसले की कॉपी मिलने पर आज ही लोकसभा स्पीकर को सौंपने की तैयारी है ताकि सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले राहुल गांधी की संसद की सदस्यता बहाल हो जाये। राहुल गांधी ने फैसले के बाद ट्वीट कर कहा है कि चाहे कुछ भी हो, मेरा कर्तव्य वही रहेगा। भारत के विचार की रक्षा करना।
कांग्रेस ने बताया लोकर्तंत्र की जीत
महानगर कांग्रेस कमेटी कार्यालय चौमुखापुल पर कार्यकतार्ओं ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को राहत मिलने पर खुशी का इजहार किया है। महानगर अध्यक्ष अनुभव महरोत्रा ने कहा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की जीत है। राहुल गांधी ने कहा था कि डरो मत सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं। तानाशाह भाजपा सरकार ने राहुल गांधी की आवाज को लोकसभा में रोकने की कोशिश की थी। इस मौके पर असद मौलाई, सेवादल जिलाध्यक्ष अनुराग शर्मा, मौहम्मद शमी, कबीर अहमद, पार्षद शकील अहमद, दानिश कुरैशी, हरीश शर्मा, अफसर खान, अब्दुल रऊफ, जावेद अंसारी, अंशुल शर्मा, सुभाष शर्मा, पार्षद अफसर अंसारी, पार्षद फईम खान, समीर खान, विजय मिश्रा,मौ०वाहिद, हाजी वसीम, जकरिया कुरैशी, जमील अहमद, रईस अंसारी, शमीम खान, गालिब, अकरम खान, मौ. रफी, शेर अली पठान, अमित पांडेय, रागिब दाना, नदीम खान आदि शामिल रहे।