11 जुलाई 23, लखनऊ। पत्रकारों के हितों के लिए संघर्ष करने वाली यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन ने पत्रकारों के लिए पेंशन योजना लाग कराने के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार की पत्रकारों के लिए प्रस्तावित पेंशन योजना में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के अलावा डेस्क कर्मियों को भी पेंशन दिए जाने की मांग की है। यूनियन का कहना है कि वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट में डेस्क कर्मियों में संपादक से लेकर सब एडिटर तक शामिल हैं।
उत्तराखंड के प्रस्ताव में सुधार का प्रस्ताव
यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी एवं मंडल अध्यक्ष शिव शरण सिंह ने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पत्र मांग की है कि पेंशन की राशि बीस हजार रुपये प्रतिमाह निर्धारित की जाए। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में यह राशि पंद्रह हजार रुपये प्रतिमाह है। हसीब सिद्दीकी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखंड सरकार के शासनादेश को आधार बनाकर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यूनियन ने उत्तराखंड के पेंशन प्रस्ताव को सुधारने का सुझाव दिया है। उत्तराखंड सरकार निरंतर 15 वर्षों तक मान्यता प्राप्त पत्रकारों को पेंशन दे रही है। यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की मांग है कि इस अवधि को घटाकर दस वर्ष किया जाए और निरंतर के स्थान पर कुल मान्यता वर्ष दस वर्ष मान्य किया जाए। मुरादाबाद के जिलाध्यक्ष एम राशिद सिद्दीकी ने कहा है कि जिला इकाई शीघ्र ही जिलधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्रकार पेंशन योजना में डेस्क कर्मियों को शामिल करने का मांगपत्र भेजेगी।