13 जून 23, मुरादाबाद। शहंशाहे गजल अली सिंकदर उर्फ जिगर मुरादाबादी के शहर में अदब पर सियासत भारी पड़ने लगी है। शहर-ए-जिगर के सबसे पसंदीदा कार्यक्रम में शायर व शायरात की टीम से साफ दिखाई दे रहा है कि मुशायरा सियासत का शिकार हो गया। हैडिंग में खिचड़ी शब्द पर कुछ लोग हैरान हो सकता हैं तो उन्हें बतना चाहता हूं कि मुरादाबादी बिरयानी भी पूरे मुल्क में मशहूर है। कशमीर से कन्याकुमरी तक अनेक शहरों में मुरादाबादी बिरयानी के नाम से दुकानें खुली हैं। बिरयानी में मजा है, ताकत है और दिल को लुभाने वाली खुशबू भी है, जबकि खिचड़ी एक साधारण भोजन है।
संयोजक पद की खींचतान से बढ़ी राजनीति
दरअसल, मुशाायरे के संयोजक पद को लेकर विवाद होता रहा है। इस पद को पाने के लिए कई शायर तमाम सिफारिशें भी कराते देखे गए हैं। खबर है कि प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया गया कि मुशाायरे में वो शायर नहीं आते हैं जिन्हें अवाम पसंद करती है और सुनना चाहती है। प्रशासन ने संयोजक बनने को लेकर खींचतान को खत्म करते हुए दूसरा विकल्प चुना और प्रदर्शनी समिति को संयोजक बना दिया गया। शायरों की जो फेहरिस्त प्रदर्शनी की तरफ से सामने आयी है उससे देखकर लगता है कि संयोजक पद के दावेदारों की सूची से कुछ शायरों को लेने के साथ अफसरों और प्रदर्शनी समिति की पसंदीदा शायरों की टीम बनाई गई है। इस कवायद से साफ है कि प्रदर्शनी समिति ने मुशायरे की टीम बनाने के नाम पर संयोजकों के विवाद से बचने को ज्यादा अहमियत दी है। साथ ही इन शायरों को पढ़ने का मौका भी दे दिया गया है। हालांकि मुशायरे में कुछ बड़े नाम और मशायरों में बेहतरीन शायरी करने वाले शायर भी हैं। दरअसल, संयोजक बनने से शायर अधिकांश उन्हीं शायरों को बुलाता है जो अपने शहर में मुशायरे का संयोजन करके हैं, इससे एक मुशायरा कराने से संयोजक को कई मुशायरों में कलाम पढ़ने का मौका हाथ लग जाता है।
अबरार व फहमी को सुनने वाले बहुत
जिला कृषि विकास एवं सांसकृतिक प्रदर्शनी मेंं जिगर मंच पर गुरुवार 15 जून को होने वाले मुशायरे मेंं अंतराष्ट्रीय ख्याती प्राप्त अबरार काशिफ, हसीब सोज, इकबाल अशहर, पापुलर मेरठी जैसे शायर आ रहे हैं। इसके अलावा ताहिर फराज, नजर बिजनौरी, डॉ जिया टोंकवी, डॉ नदीम शाद, सिकंदर गड़बड़, मोइन शादाब, अल्तमश अब्बास, अकील नोमानी, फहमी बदायूंनी भी कलाम सुनाएंगे। शायरात में नसीम अमरोहवी, मुमताज नसीम भी अपना कलाम सुनाएंगी। प्रदर्शनी प्रभारी राहुल शर्मा का कहना है कि मुशायरे में उभरते हुए नोजवान शायरों को मौका दिया गया है। सभी शायर व शायरात मुशायरों के बेहतरीन शायर हैं और अच्छा कलाम सुनाते हैं। उन्होंने खासतौर पर अबरार काशिफ और फहमी बदायूंनी की शायरी की तारीफ करते हुए कहा है इन्हें सुनने के लिए लोग बेताब रहते हैं। राहुल शर्मा ने कहा है कि अदब की इस महफिल में शहर ही नहीं जिले भर से समाइन आ रहे हैं। उन्होंने साफ किया है कि संयोजक पद के दावेदारों से सूची मांगी गई थी जिसमें से अच्छे शायरों को आमंत्रित किया गया है। हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेता और साहित्य प्रेमी एमएलसी जयपाल सिंह व्यस्त की मुशायरे की टीम बनाने से दूरी लोगों को हैरान कर रही है।