
अनुभव मल्होेत्रा व शाहिद गामा
09 जून 23, मुरादाबाद। वर्षोें से बेहाल पड़ी कांगे्रेस में निकाय चुनाव के नतीजों से कुछ बहार आते ही कांगे्रेसी पुराने ढर्रे पर दिेखाई देने लगे हैं। नगर नगम के 23 विजयी पार्षद में 21 अल्पसंख्यक होने के बावजूद कांगे्रेस के महानगर अध्यक्ष व तीसरी मर्तबा पार्षदी का चुनाव जीतने वाले अनुभव मल्होत्रा का नेता सदन चुना जाना शहर में चर्चा क विषय का बना हुआ है। हालांकि कांगे्रेस के मुस्लिम नेता इसे कौमी एकता की अनूठी मिसाल बता रहे हैं, लेकिन सपा ने इसे कांगे्रेस का वहीं पुराना चेहरा याद दिलाते हुए मुस्लिमों का फिर तेजपत्ते का तरह इस्तेमाल करने की बात कही है। आरटीआई एक्टीविस्ट ने भी कांग्रेस के इस फैसले पर नाराजगी जताई है।
बैेठक से पहले हुई लामबंदी
बकौल, महानगर अध्यक्ष अनुभव मल्होेत्रा-पिछले सप्ताह महानगर कांग्रेस की पार्षेदों के साथ बैठक हुई थी जिसमें उन्हें पार्षदों ने सर्वसहमति से नेता सदन चुना हैे। उन्होंने कहा है कि बैठक में सभी पार्षद शाामिल हुए थे और किसी ने भी नेता सदन बनने के लिए अपना नाम पेश नहीं किया, और उन्होंने दावेदारी पेश की तो सभी ने समर्थन किया। हालांकि कांगे्रेसी सूत्र बताते हैं कि बैेठक से पहले कांगे्रेस संगेठन से जुड़े नेताओं ने अनुभव को नेता सदन बनाने के लिए पूरा होमवर्ककर लिया था। इसके लिए कांगे्रेस के अनेक नेताओं ने अपने परिचित पार्षदों को समझा-बुझाकर बैठक में भेजा था। बहरहाल यह तो सियासत का हिस्सा है, लेकिन खास बात यह है कि अनुभव को नेता सदन बनाने में मुस्लिम नेताओं ने खूब लामबंदी कीे। इसके पीछे वह एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर अनुभव के महानगर अध्यक्ष पद से हटने पर उनका मनोनयन होने की संभावना तलाश रहे हैं। अनुभव गुट के नेताओं ने इसका पूरा खाका भी तैयार कर लिया है। दरअसल, मुस्लिम पार्षद के नेता सदन बनने पर संगठन से जुड़े मुस्लिम नेताओं का कद छोटा हो सकता है। अनुभव की तरह तर्जुबा, नगर मिगम की राजनीति की पूरी जानकारी और बड़े समाज से संबेंध रखने वाले पार्षद भी कांगे्रेस में जीत कर आए हैं।
बोले सलीम-कांग्रेस में निचले स्तर पर बदलाव जरूरी
बहरहाल, अपना वोट बैंक खिसकने से परेशान सपा अब हमलावर हैे। सपा नेता शाहिद गामा का कहना है कि कांग्रेस ने आजादी के बाद से मुसलमानों के साथ ऐसा ही किया है। वह वोट लेने के लिए तमाम वादे और घोेषणाएं करती है और वोट मिलने के बाद अल्पसंख्यकों को भूल जाती है। यही कांगे्रेस ने फिर मुरादाबाद में कर दिखाया है। उन्होंने कहा है कि मुसलमानों को कांगे्रेस को पहचानना होगा और किसी झांसे में नहीं आना है। उन्होंने कहा है कि सपा ही मुसलमानों की हमदर्द पाटी है। इसी तरह सपा नेता असलम खां ने कहा है कि कांग्रेस ने हमेशा मुसलमानों का इस्तेमाल करके छोड़ दिया है। हमें याद रखना होगा कि कांगे्रेस के शासनकाल में मुसलमानों का बहुत नुकसान हुआ है। अखिलेश यादव को मुसलमानों की फिक्र है और उन्होंने मान-सम्मान और ओहदों से नवाजा है। आरटीआई एक्टीविस्ट सलीम बेग ने तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि कांगे्रेस नेता अपने मफाद के लिए पार्टीे को नुकसान पहुंचाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गोंधी-सोनिया गांधी-प्रियंका गांधी सरीखे नेता पार्टी को बदलने की कवायद में लगे हैं और जिला स्तर पर नेताओं की सोच में बदलाव नहीं आया है।
अनुभव मल्होेत्रा का सपा पर पलटवार
इस गंभीर मुद्दे पर न्यूज रनवे ने कांगे्रेस के मुस्लिम नेताओं से बातचीत की। अधिकांश ने इसे पार्षदों का फैसला बताकर बात खत्म कर दी। कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर मो. अहमद खां ने कहा है कि यह पार्षदों का फैसला है इसमें हमारा दखल नहीं हैे। प्रदेश ेअल्पसंख्यक विेभाग के उपाध्यक्ष मोहम्मद अहमद ने कहा कि आम सहमति से चुनाव हुआ हैे। उन्होंने गलत संदेश के सवाल पर कहा कि-नहीं कोई संदेश नहीं जाता है। हाईकमान ने अच्छा मानते हुए ही यह फैसला लिया होगा। असद मोलाई का कहना है कि यह फैसला कौमी एकता की मिसाल हैे। संदेश का कोेई मतलब नहीं है क्योंकि पार्षेदों का अपना फैसला है। जिलाध्यक्ष असलम खुर्शीद ने कहा कि वह बैठक में नहीं थे और महानगर के पार्षदों का फैसला उन्हें स्वीकार है। नेता सदन चुने गए अनुभव मल्होत्रा ने कहा है कि पार्षदों ने सदभाव का संदेश दिया है और कांग्रेस सभी धर्मोें और वर्गों के साथ लेकर चलती है। उन्होंने सपा पर पलटवार करते हुए कहा है कि-अखिलेश को देखना चाहिए कि वह मुसलमानों को क्या दे रहे हैं और क्या दिया है।