
01 जून 23, मुरादाबाद। अग्नि शमन विभाग में हेड कांस्टेबिल से सहायक उप निरीक्षक के पह पदोन्नत हुए कर्मियों की वर्दी पर स्टार सजाने की चाहत में क्लर्क ने एसएसपी से फर्जी आदेश करा लिया। स्टार सजाने को लेकर जारी शासनादेश की जानकारी होने पर महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में एसएसपी का आदेश निरस्त करा गया और अब क्लर्क के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
शासनादेश के विपरीत कराया आदेश
हुआ यूं कि एसएसपी के आदेश पर अग्नि शमन विभाग में पदोन्नत हुए आठ हेड कांस्टेबिल की वर्दी पर एक स्टार लगा दिया गया। एसएसपी के आदेश पर स्टार लगाने की शिकायत विभागीय सहायक उप निरीक्षक ने एसएसपी से की। इसके बाद शासनादेश की पड़ताल की गई और एसएसपी द्वारा जारी आदेश को रद कर दिया गया। सीएफओ सुभाष कुमार ने बताया कि वर्ष 2016 से पहले हेड कांस्टेबिल से पदोन्नत होने वालों को सहायक उप निरीक्षक उपनाम दिया जाता था और एक स्टार लगाने की सुविधा भी। इस मामले में वर्ष 2016 में आदेश हुआ कि पदोन्नति के सात वर्ष बाद ही एक स्टार लगा सकेंगे। इसके विपरीत अग्नि शमन विभाग के लिपिक पर आरोप है कि उसने वर्ष 2016 में हुए आदेश को छिपाते हुए एसएसपी से स्टार लगाने का आदेश करा लिया। आदेश के क्रम में पदोन्नत होने वाले आठ हेड ने वर्दी पर स्टार लगाना शुरू कर दिया। जांच में सामने आया है कि इस दौरान वाहन चालक को छोड़कर सभी हेड कांस्टेबिल के पदोन्नति को सात वर्ष पूर्ण नहीं हुए थे।
लिपिक है पीएसी मुख्यालय में तैनात
बताया जाता है कि प्रधान लिपिक सब इंस्पेक्टर मुकेश कुमार मलिक ने एसएसपी हेमराज मीणासे इसकी शिकायत की और बताया कि लिपिक संजय कुमार ने गलत तरीके से आदेश कराया है। संजय अब लखनऊ के पीएसी मुख्यालय में तैनात है। एसएसपी हेमराज मीणा के निर्देश पर प्रधान लिपिक मुकेश कुमार मलिक की तहरीर पर संजय कुमार के खिलाफ थाना सिविल लाइन में धोखाधड़ी की रिपोर्ट कराई गई है। एफआईआर में षड़यंत्र की धारा 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इंस्पेक्टर सिविल लाइन रामप्रसाद शर्मा ने बताया कि बीते तीन मार्च को अभिलेखों में यह फर्जी प्रमोशन अंकित किया गया है। इंस्पेक्टर सिविल लाइन द्वारा साजिश और धोखाधड़ी के साथ 196 , 417 के तहत भी कार्यवाही आरोपी के खिलाफ की गई हैं।