05 मई 23, मुरादाबाद। विकास.. विकास.. विकास.. के नारे और दावों के बीच मतदान के दिन का माहौल बहुत कुछ बदला हुआ नजर आया। अभी तक मतदाता प्रत्याशियों के विकास के दावों और वादों को तौल रहा था, लेकिन मतदान के लिए अधिकांश मतदाता प्रत्याशी का कद और वजन तोलकर वोट करते हुए दिखाई दिए और होड़ दिखी जीतने वाले प्रत्याशी को जिताने की। मतदान के रुझान से जातिगत समीकरण तो इस चुनाव में बिगड़ते दिखे, लेकिन वही पुराना धर्म के आधार पर मतदान की धूम फिर देखी गई। हालांकि कई जगह प्रत्याशियों से नाराजगी और विकास का मुद्दा भी रहा। मतदाताओं की इस दौड़ में साइकिल और हाथी पिछड़ते दिखाई दिए और भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होता दिख रहा है।
प्रत्याशी जुटे वोटों के हिसाब-किताब में
यूपी नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में शांतिपूर्वकत मतदान के बाद वोटरों की रुख और मतदान का रुझान को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। शहर से मेयर का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी दिन भर मतदान केंद्रों पर भ्रमण करने के बाद शाम को दफ्तर पर लौटे तो हार-जीत का हिसाब लगाने में व्यस्त दिखे। सभी प्रत्याशी अपने एजेंट व समर्थकों से बूथवार आंकड़े एकत्र करते देखे गए। याद रहे कि मेयर सीट के लिए 13 उम्मीदवार मैदान हैं जिसमें भाजपा से विनोद अग्रवाल, सपा से हाजी रईस नईमी, बसपा से मोहम्मद यामीन, कांग्रेस से रिजवान कुरैशी, मतलिस से मुस्तुजाब अंसारी, आप से चंदन भट के अलावा निर्दलीय अनवार हुसैन, जूही शबनम, नितिन वर्मा, मुदस्सिर इस्लाम, मासूमा निजाम, शाहिद हुसैन मैदान में हैं। इस सीट पर 673843 मतदाता है जिसमें 357756 पुरुष और 316087 महिला मतदाता हैं। शहर के 139 मतदान केंद्रों के 578 बूथों पर मतदान किया जाएगा। शहर के 137 बूथ अति संवेदनशील और 48 क्रिटिकल क्षेणी में रखे गए थे।
बसपा और सपा को नुकसान तय
पीतल नगरी में 43.32 फीसद मतदान हुआ जिसके तहत करीब 2.91 लाख ने मताधिकार का प्रयोग किया है। शहर में एक-दो छिटपुट घटनाओं को छोड़ शांति से मतदान हुआ है। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह और एसएसपी हेमराज मीणा अपनी टीम के साथ दिन भर बूथों का निरीक्षण करते रहे। सख्त सुरक्षा व्यवस्था के कारण फर्जी वोटिंग की शिकायतें भी नहीं मिली, हालांकि लोग पर्ची नहीं मिलने और वोट पर नाम वगैरह गलत होने के कारण परेशान होते देखे गए। मतदान के अबतक आाए रुझान से साफ हुआ है कि हाथ और फूल के बीच मुख्य मुकाबला है। महापौर के पद पर हाथ का माहौल होने का फायदा पार्षद का चुनाव लड़ने वालों को भी मिलता देखा गया है। इसके विपरीत साईकिल का परंपरागत वोट भी हाथ की तरफ जाता दिखा। इसी तरह हाथी की चाल भी सुस्त दिखाई दी और काजीपुरा तथा आसपास के इलाकों में हाथी का जोर देखा गया। बसपा का परंपरागत वोट का रुझान हाथी की तरफ ही देखा गया। शहर में कुछ इलाकों में पतंग उड़ती तो दिखी, लेकिन उड़ान ऊंची नहीं हो सकी।
जीत को सवा लाख से अधिक वोट जरूरी
बात अगर पिछले चुनाव की करें तो भाजपा के विनोद अग्रवाल ने करीब 95 हजार वोट लेकर जीत हासिल की थी। कांग्रेस के रिजवान कुरैशी करीब 77 हजार वोट के साथ दूसरे और सपा के हाजी यूसुफ अंसारी लगभग 47 हजार वोट लेकर तीसरे नंबर पर थे। चौथे नंबर पर लाखन सिंह सैनी थे जो करीब 32 हजार वोट लेकर आए थे। इस मर्तबा मतदान अधिक हुआ है और मुकाबला आमने-सामने का हुआ है इसलिए करीब सवा लाख से अधिक वोट लाने को जीत हासिल होगी। रिजवान के खाते में इस बार सपा का वोट जुड़ता दिख रहा है तो विनोद अग्रवाल के खाते में सैनी का वोट जा रहा है। जानकार मानते हैं कि प्रत्याशी से मतदाताओं की नाराजगी और अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में वोटिंग प्रतिशत हार-जीत में अहम किरदार निभाएगा। शहर में हार-जीत को लेकर चर्चाओं के बीच सभी प्रत्याशी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। बहरहाल, नतीजे 13 मई को सामने आएंगे और इसके लिए करीब आठ दिन का इंतजार करना होगा।