मुरादाबाद मेयर चुनाव : सपा कैसे तोड़ेगी बिरादरीवाद का जाल, विधायक कुरैशी व अंसारी का कड़ा इम्तेहान
Moradabad Mayor Election: How SP will break the trap of communalism, tough test of MLA Qureshi and Ansari
27 अप्रैल 23, मुरादाबाद। यूपी निकाय चुनाव में मुरादाबाद में महापौर का चुनाव समाजवादी पार्टी प्रत्याशी और संगठन के सामने जातिवाद की दीवार को तोड़ना है। इसके लिए सपा के पूर्व विधायक हाजी यूसुफ अंसारी और विधायक नासिर कुरैशी के सामने कड़ी चुनौती है। सभी की निगाहें इन दोनों पर लगी हैं, वैसे तो सपा ने अंसारी समाज के मतदाताओं को साधने के लिए महानगर की कमान इकबाल अंसारी को सौंपी है।
अंसारी, कुरैशी और मलिक मैदान में
महापौर के चुनाव में सपा ने हाजी रईस उद्दीन नईमी को मैदान में उतारा है। महापौर सीट पर अभी तक सपा और भाजपा का ही कब्जा रहा है। हालांकि पिछले चुनाव में कांग्रेस के रिजवान कुरैशी दूसरे स्थान पर और सपा के यूसुफ अंसारी को तीसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा था। इस चुनाव में कांग्रेस ने फिर रिजवान कुरैशी को उतारा है। बसपा ने मलिक समाज के मोहम्मद यामीन और आईएमआइएमआई ने अंसारी समाज के मुस्तुजाब अंसारी को मैदान में उतारा है। राजनीतिज्ञों के मुताबिक इस सीट पर अंसारी समाज का वोट करीब 90 हजार, मलिक समाज का वोट करीब 60 हजार और कुरैशी समाज का वोट करीब 40 हजार है।
टिकट बंटवारे में पक्षपात से घिरे हैं नेता
दरअसल, पिछले चुनाव में मतदाता सपा से प्रत्याशी बनाए गए हाजी यूसुफ अंसारी से खासे नाराज थे, इसलिए वह पचास हजार वोट भी हासिल नहीं कर सके थे। सपा और कांग्रेस के बीच वोटों का बंटवारा होने के कारण भाजपा की जीत हुई थी। इस मर्तबा चार मुसलमान प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए सपा के सामने मतदाताओं को बचाए रखने की चुनौती है। पार्टी में फिलहाल गुटबाजी और कलह भी दिखाई दे रही है। पार्षद प्रत्याशी चयन में दो मौजूदा पार्षद का टिकट काटने और कई सीटों पर कर्मठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने से कार्यकर्ताओं में बिखराव देखा जा रहा है। ईद के बाद शुरू हुए चुनाव प्रचार में प्रत्याश्ी रईस नईमी ने कार्यकर्ताओं को काफी हद तक मना लिया है। टिकटों का बंटवारा विधायक नासिर कुरैशी और पूर्व विधायक हाजी यूसुफ अंसारी ने किया है।
महानगर अध्यक्ष अपने चुनाव में व्यस्त
हैरानी की बात यह है कि महानगर अध्यक्ष बनाए गए इकबाल अंसारी भी पार्षद के उम्मीदवार हैं। वह अपने चुनाव में लगे होने के कारण मेयर समेत पार्षद प्रत्याशियों को चुनाव नहीं लड़ा पा रहे हैं। अब वोटों का बिखराव रोकने की जिम्मेदारी यूसुफ अंसारी और नासिर कुरैशी के कंधों पर है। वोटर का रुख क्या रहा यह तो मतगणना वाले दिन साफ होगा, लेकिन सियासी जानकार कहते हैं कि सपा से मेयर का टिकट मांगने वाले सभी दावेदार अगर इमानदारी से चुनाव में जुट जाएं तो नतीजे सकारात्मक हो सकते हैं। हालांकि सपा प्रत्याशी हाजी रईस उद्दीन का कहना है कि उनका मुकाबला भाजपा से है और भाजपा से जनता नाराज है इसलिए जीत उनकी ही होनी है। जो लोग हाथ को मुकाबले में बता रहे हैं वह भाजपा के दलाल हैं और मुस्लिम वोटों का बंटवारा करना चाहते हैं।